जमुई,12 दिसम्बर (हि.स.)। बिहार के जमुई जिले के ‘सब्जी ग्राम’ के नाम से मशहूर नीम-नवादा गांव के किसान बीते कई सालों से परंपरागत फसल धान और गेहू़ की खेती को कम मुनाफा के चलते छोड़ रखा है। अब इस गांव के किसान ब्रोकली, ग्रीन गोभी, रेड बंधा गोभी,काली मूली उगाकर मिसाल पेश कर रहे हैं।
विगत दो साल से नीम-नवादा गांव के किसान विदेशी सब्जी ब्रोकली की खेती कर रहे हैं, इसकी डिमांड बड़े शहरों के रेस्टोरेंट और सितारा होटलों में होती है। जमुई के ‘सब्जी ग्राम’ के ये किसान ब्रोकली के अलावा चाइनीज फूल गोभी, लाल बंधा गोभी, लाल और काली मूली की भी पैदावार कर रहे हैं। हालांकि खुद पहल कर आमदनी बढ़ाने वाले किसानों को मार्केट की व्यवस्था नहीं होने के कारण विदेशी सब्जियां को सस्ते दरों पर बेचने के लिए मजबूर हैं। सदर प्रखंड के नीम-नवादा गांव के किसानों को मलाल है कि सब्जी ग्राम के नाम से मशहूर इस गांव के किसानों को उनकी फसल के बदले उचित कीमत नहीं मिल पाती है। इसका मुख्य कारण जमुई में बाजार और मंडी का न होना है।
यूं तो सरकार दावा करती है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार उनके फसलों को कीमत मिलेगी लेकिन इस ‘सब्जी ग्राम’ के किसानों को कोई फायदा नहीं मिलता हैं। किसान प्रियरंजन उर्फ राम प्रवेश की मानें तो यहां के किसान तीन सौ एकड़ में सब्जी उगाते हैं लेकिन मार्केट नहीं होने के कारण व्यापारी औने-पौने दाम में सब्जी बेचने को मजूबर हैं। हाल के दो वर्षों से यहां के किसान 6 तरह की विदेशी सब्जियों की खेती कर रहे हैं।
इस गांव की सब्जी कई जिलों मे बिक्री के लिए भेजी जाती हैं लेकिन इस सब्जी ग्राम के किसानों को मलाल है कि जिले में इनकी फसलों के लिए बाजार नहीं मिल रहा है। खासकर ब्रोकली जैसी विदेशी सब्जी को।इस गांव में किसानों के घर की महिलाएं भी मानती हैं कि सब्जी की उचित कीमत नहीं मिलने से परिवार को परेशानी उठानी पड़ती है।सब्जी उगाकर आमदनी को बढ़ाने की सोच रखने वाली ऊषा देवी और सुनीता देवी का कहना है कि सरकार और जिला प्रशासन मदद करे तो ये लोग सब्जी उत्पादन में बिहार का नाम रोशन कर सकते हैं।