आज शाम खुलेंगे सबरीमाला मंदिर के कपाट, सुरक्षा के कड़े प्रबंध

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महिलाओं को ‘अदालती आदेश’ के बिना प्रवेश की इजाजत नहीं



नई दिल्ली, 16 नवम्बर (हि.स.)। केरल के पतनमथिट्टा जिले में स्थित सबरीमाला मंदिर के कपाट करीब दो महीने तक चलने वाले तीर्थयात्रा के मौसम के लिए शनिवार शाम पांच बजे खुल जाएंगे। राज्य की माकपा-नीत एलडीएफ सरकार ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी और तंत्री महेश कंडाराऊ आज शाम पांच बजे मंदिर के कपाट खोलेंगे। पतनमथिट्टा के कलेक्टर ने कहा कि हमने सभी इंतजाम किए हैं। इस बार कोई निषेधात्मक आदेश नहीं हैं लेकिन हम परेशानी पैदा करने वालों से मजबूती से निपटेंगे। सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं।
हालांकि मंदिर का पट खुलने से पहले कुछ महिला कार्यकर्ताओं की ओर से मंदिर में प्रवेश करने और पूजा करने की धमकी दी गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि उसने महिला श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान नहीं की है, लेकिन कई कार्यकर्ताओं ने मंदिर में प्रवेश करने की अपनी योजना के बारे में बताया है। हिंदू संगठनों की शीर्ष संस्था सबरीमाला कर्म समिति ने कहा कि अगर वे मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश करती हैं तो उन्हें रोक दिया जाएगा। भूमाता ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई और चेन्नई स्थित समूह मैनिटि संगम ने मंदिर में पूजा करने की अपनी योजना की घोषणा की है। उनके अलावा 45 महिला श्रद्धालुओं ने मंदिर के ऑनलाइन पोर्टल पर दर्शन के लिए आवेदन किया है।
राज्य सरकार ने शुक्रवार को संकेत दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के मद्देनजर वह “सबरीमाला मंदिर में युवतियों को सुरक्षा कवच प्रदान कर नहीं ले जाएगी।” सुप्रीम कोर्ट ने समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को इस मामले को आगे की सुनवाई को लिए एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया था। पिछले साल सरकार ने कहा था कि वह शीर्ष अदालत के आदेश को लागू करेगी, जिसने महिलाओं को धर्मस्थल में प्रवेश करने की अनुमति दी।
हालांकि अयप्पा मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड (टीडीबी) ने शीर्ष अदालत के निर्देश पर कानूनी राय भी मांगी है। बोर्ड ने श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की हैं। तीर्थयात्रियों को आज अपराह्न पम्बा और निलाकल से मंदिर के लिए जाने की अनुमति दी जाएगी। नीलकल, पम्बा और सानिधनाम में भक्तों के लिए चिकित्सा, पानी और शौचालय की सुविधा के साथ विश्रामालय स्थापित किए गए हैं।
तीर्थयात्रा के मौसम के दौरान सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को भगवान अयप्पा मंदिर में और उसके आसपास तैनात किया गया है। देवस्वाम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि सबरीमाला कार्यकर्ताओं के लिए अपनी सक्रियता प्रदर्शित करने का स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित नहीं करेगी, जो प्रचार पाने के इरादे से धर्मस्थल जाना चाहती हैं। जो लोग मंदिर में जाना चाहते हैं, वे मंदिर में प्रवेश करने के लिए अदालत के आदेश का पालन करें। केरल सरकार ने कहा है कि जो महिलाएं मंदिर में प्रवेश करना चाहती है उन्हें ‘अदालती आदेश’ लेकर आना होगा।
राज्य और मंदिर के प्रागंण में पिछले साल जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन देखा गया था, क्योंकि महिलाओं ने मंदिर में प्रार्थना करने की कोशिश की थी। परम्परागत रूप से सदियों से 10-50 वर्ष की उम्र की महिलाओं (जो मासिक धर्म के दायरे में आती हैं) को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती थी।
उल्लेखनीय है कि 28 सितम्बर 2018 को दिए गए अदालत के निर्णय पर कोई रोक नहीं लगी है, जिसमें 10 से 50 साल आयुवर्ग के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था। इस आदेश के अनुसार इस मुद्दे पर बड़ी पीठ का आदेश आने तक किसी भी आयुवर्ग की महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं।

 


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