गुवाहाटी, 15 फरवरी (हि.स.)। असम की राजधानी गुवाहाटी में केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और जापान के राजदूत सुतोशी सुजुकी की उपस्थिति में सोमवार को एक्ट ईस्ट पॉलिसी और उत्तर-पूर्व भारत में भारत-जापान सहयोग विशेष ध्यान असम के मद्देनजर एक बैठक का आयोजन किया गया।
गुवाहाटी के खानापारा स्थित होटल ताज विवांता में बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पूरे देश के साथ ही असम भी बहुत सी चुनौतियों का सामना कर रहा है। यहां कनेक्टिविटी की चुनौती सबसे बड़ी है। असम जितना अधिक कनेक्टेट होगा तो उतना ज़्यादा ऊर्जावान होगा और ज्यादा योगदान कर पाएगा। इससे ज़्यादा रोजगार मिलेंगे। असम लंबे समय से भारत और पूर्व के देशों को जोड़ता रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत और असम के विकास के लिए भारत-जापान साझेदारी एक वास्तविक बदलाव ला सकती है। आज की बातचीत का विषय एक्ट ईस्ट पॉलिसी और भारत जापान सहयोग था। उन्होंने कहा कि दुनिया पिछले दो दशकों में बहुत तेजी से बदली है। खासकर एशिया में नए उत्पादन, उपभोग, संसाधन और बाजार उभर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमें अरब सागर से दक्षिण चीन सागर तक कनेक्टिविटी बनाने की जरूरत है। साथ ही कहा, कि जब पूर्वी भारत समृद्ध था तो भारत एक महान देश था। असम लंबे समय से पूर्व के देशों को भारत से जोड़ने के लिए पुल के रूप में कार्य करता था लेकिन कनेक्टिविटी बाधित हो गयी। लेकिन, 2014 के बाद इसमें बदलाव आया है। भारत पूर्वोत्तर के जरिए विश्व से तेजी से जुड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि असम में विधानसभा चुनाव का कभी भी बिगुल बज सकता है। ऐसे में विदेश मंत्री का गुवाहाटी दौरा काफी अहम हो जाता है। उनका असम के महत्व को रेखांकित करना राज्य के लोगों में आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला साबित होगा।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री, जापानी राजदूत के साथ ही असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, राज्य के वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मामलों के मंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा, राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य आदि मामलों के मंत्री चंद्रमोहन पटवारी, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैजयंत जय पांडा व अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।