नई दिल्ली, 16 सितम्बर (हि.स.)। रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज के बीच कोरोना वायरस की वैक्सीन स्पूतनिक-वी क्लिनिकल ट्रायल और उसके वितरण को लेकर एक समझौता हुआ है। दोनों मिलकर भारत में 10 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे।
रूस में इतनी बड़ी संख्या में वैक्सीन के उत्पादन की क्षमता बहुत कम है। इसका मतलब है कि भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन होगा और इसमें से 10 करोड़ वैक्सीन भारत को मिलेगी। करार में कहा गया है कि भारत में नियामक संबंधी अनुमति मिलने के बाद वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएंगी। फिलहाल इस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है और इसके 2020 के अंत तक ट्रायल पूरा होने पर सप्लाई की उम्मीद है।
आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीदेव ने कहा है कि डॉ. रेड्डीज का रूस में पिछले 25 वर्षों से एक सम्मानीय स्थान है और वह भारत में एक प्रमुख फार्मास्यूटिकल कंपनी है। भारत कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है। उन्हें लगता है कि यह दवा कोविड-19 से निपटने में सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से मान्य होगी। डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सी प्रसाद ने कहा कि वैक्सीन के फेस-वन और फेस-टू के नतीजे काफी आशान्वित साबित हुए हैं। हम इसका भारत में तीसरे चरण का ट्रायल करेंगे और भारतीय नियमकों की जरूरत के हिसाब से इसे तैयार करेंगे।