महाराष्ट्र में नई सरकार पर संशय बरकरार

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एनसीपी कोर कमेटी की बैठक में कांग्रेस-शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर निर्णय लिया जाएगा।



मुंबई। 12 नवम्बर (हि.स.)। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन पर कांग्रेस और एनसीपी खेमे में हलचल तेज हो गई है। कुछ ही देर में एनसीपी कोर कमेटी की बैठक में कांग्रेस-शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर निर्णय लिया जाएगा। एनसीपी की नेताओं की दो अहम बैठकें होनीवाली हैं। इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल एनसीपी नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
नई दिल्ली में कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक चल रही है। मुंबई में एनसीपी मुखिया शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले ने लीलावती अस्पताल जाकर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत से मुलाकात की। इसके बाद दोनों पार्टी विधायकों के साथ होनेवाली बैठक में शामिल होने के लिए निकले। राउत ने ट्वीट किया कि हम होंगे कामयाब। मुख्यमंत्री आवास वर्षा में शाम चार बजे भाजपा कोर कमेटी की बैठक पर भी लोगों की निगाह लगी हुई है।
सोमवार को शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। परंतु कांग्रेस-एनसीपी का समर्थन पत्र नहीं मिलने से शिवसेना को और समय देने से राज्यपाल ने इंकार कर दिया था। राज्यपाल ने तीसरे नंबर की पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया है। एनसीपी को रात साढ़े आठ बजे तक विधायकों के नाम, हस्ताक्षर और पते के साथ राज्यपाल को सूची सौंपनी है।
एनसीपी विधायक दल नेता अजीत पवार के अनुसार इतने कम समय में विधायकों को जुटाना संभव नहीं है। कांग्रेस से बातचीत करने के बाद ही एनसीपी अगला कदम उठाएगी। पवार के बयानों पर गौर करें तो कांग्रेस और एनसीपी के बीच भी सहमति नहीं बन पाई है। कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन पत्र समय पर न मिलने से शिवसेना खेमे में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे के मुताबिक एनसीपी मुखिया शरद पवार के कहने पर शिवसेना को समर्थन पत्र देने पर एक दिन का विलंब हुआ। इसके जवाब में अजीत पवार ने कहा कि यदि शिवसेना को एनसीपी समर्थन पत्र दे देती तब भी कुछ नहीं होता। कांग्रेस का भी समर्थन जरूरी था।  कांग्रेस के विधायक जयपुर में हैं, लिहाजा बातचीत नहीं हो सकी है।
पवार ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर 15 साल सरकार चलाई है, लेकिन शिवसेना के साथ हमने कभी सरकार नहीं चलाई है। स्थिर सरकार बनाने है तो सभी पहलुओं पर विचार करके तीनों पार्टियों को निर्णय लेना होगा। साझा कार्यक्रम हो या राज्य के किसानों का मसला सभी मुद्दों पर गौर करके आगे का निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस से बातचीत करने के बाद ही एनसीपी आगे का निर्णय लेगी।

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