भारत-नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता, कोई इसे तोड़ नहीं सकता: राजनाथ
देहरादून, 15 जून (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत और नेपाल का रिश्ता ‘रोटी-बेटी’ का है। दुनिया की कोई भी ताकत इस रिश्ते को तोड़ नहीं सकती। मैं विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि भारतीयों के मन में कभी भी नेपाल को लेकर किसी भी प्रकार की कटुता पैदा हो ही नहीं सकती है। इतना गहरा संबंध हमारे साथ नेपाल का है। हम मिल बैठकर इन सब समस्याओं का समाधान करेंगे।
राजनाथ सिंह सोमवार को ‘उत्तराखंड जन संवाद’ वर्चुअल रैली को सम्बोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने लिपुलेख तक एक लिंक रोड का निर्माण किया, जिससे मानसरोवर जाने के लिए एक नया रास्ता खुल गया। पहले यात्रा के मुकाबले अब 6 दिन कम समय में मानसरोवर की यात्रा होगी। मानसरोवर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भारत सरकार ने एक सुविधा उपलब्ध कराई है। पहले मानसरोवर जाने वाले यात्री सिक्किम के नाथुला का रूट लेकर जाते थे, जिससे अधिक समय लगता था। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ के पुनर्निमाण के सभी पहलुओं की समीक्षा की है। यात्रियों के लिए ये यात्रा ईको फ्रेंडली हो सके. ये कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश नेपाल में इस सड़क को लेकर कुछ गलतफहमियां पैदा हुई हैं। नेपाल के साथ हमारे केवल सामाजिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक रिश्ते भी हैं। भारत-नेपाल का रिश्ता ‘रोटी-बेटी’ का है। दुनिया की कोई भी ताकत इस रिश्ते को तोड़ नहीं सकती। मैं विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि भारतीयों के मन में कभी भी नेपाल को लेकर किसी भी प्रकार की कटुता पैदा हो ही नहीं सकती है। इतना गहरा संबंध हमारे साथ नेपाल का है। हम मिल बैठकर इन सब समस्याओं का समाधान करेंगे। अगर लिपुलेख से धारचूला तक रोड बनने से नेपाल के लोगों में कोई गलतफहमी पैदा हुई है तो उसे हम बातचीत से सुलझा लेंगे। मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि भारत के लोगों में नेपाल को लेकर कभी कटुता पैदा हो ही नहीं सकती।
रक्षा मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने एक लक्ष्य निर्धारित किया कि भारत सिर्फ आयात करने वाला देश नहीं होना चाहिए, बल्कि निर्यात करने वाला देश भी बनना चाहिए। रक्षा के क्षेत्र में पहले देश से 100-150 करोड़ रुपये का निर्यात होता था, हमने अब लक्ष्य निर्धारित किया है कि 2024 तक डिफेंस में हमारा एक्सपोर्ट 5 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।