झांसी: भूखों-असहायों को निवाला देता रोटी बैंक
झांसी, 15 जून (हि.स.)। असहाय व भूखे लोग अक्सर आपको गली चौराहों पर दो-पांच रुपये भोजन के नाम पर मांगने वाले आपको कहीं भी मिल जाएंगे। उन्हें देखकर लोग अपना पीछा छुड़ाने के लिए कुछ देकर इतिश्री कर लेते हैं लेकिन कई बार आमरण अनशन कर चुके पत्रकार सुल्तान आब्दी भूख को बड़े करीब से जानते हैं। कई बार ऐसा हुआ जब पांच दिनों तक बिना अन्न-जल के वह अनशन पर रहे और यही सब समस्याएं देखते हुए उन्होंने रोटी बैंक बना डाला। महानगर में अब तक की यह पहली पहल मानी जा रही है। इससे पहले कुछ न कुछ शुल्क लेकर भोजन की व्यवस्था की जाती रही है।
दो जून को जब भीषण गर्मी के बीच लोग पेयजल संकट से जूझ रहे थे तब सुल्तान आब्दी अपने कुछ मित्रों के बीच सीपरी बाजार में छोटी माता मंदिर के पास बैठे थे। जन समस्याओं पर चर्चा करते हुए भूख का नजारा उनकी आंखों के सामने तैर गया। अपने साथियों आदिल कुरैशी और अतुल कनौजिया के साथ चर्चा करते हुए अचानक उनके मुंह से निकल गया कि क्यों न हम लोगों को नेवाला देने का काम करें। उनकी यह बात उनके युवा साथियों को भी भा गई। और चल पड़ा सिलसिला अनवरत लोगों के पेट भरने का।
मां अन्नपूर्णा को बताते हैं अपना प्रेरणा स्रोत
सुल्तान बताते हैं कि यह सब प्रेरणा छोटी माता मंदिर में बैठी उस मूरत की थी जो अदृश्य रुप से उनकी इच्छा को सुन रही थी। उन्होंने उन्हें सद्बुद्धि दी और उन्होंने अपने तमाम सहयोगियों के साथ अन्नपूर्णा वेलफेयर सोसायटी के नाम से रोटी बैंक की शुरुआत कर दी। यह सारा करम अन्नपूर्णा माता का ही है।
रोटी बैंक का उद्देश्य
सुल्तान आब्दी की मानें तो रोटी बैंक हर उस असहाय और भूखे गरीब को भोजन कराने का प्रयास करता है जो वाकई भूखा है। न कि दिखावे और फोटो लगवाने के लिए। उनके इस कार्य में उनके साथी पत्रकार,समाजसेवी,जनप्रतिनिधि,व्यापारी,चिकित्सक और धर्मगुरु तक उनका सहयोग करने के लिए उन्हें फोन करते हुए सहयोग लेने की अपील करते हैं। सुल्तान का कहना है कि लोग भले ही इस संसार को बुरा भला कहें पर पूरे विश्वास के साथ कितना भी बड़ा कार्य परहित के लिए आप शुरु करें और कायनात उसे पूरा करने के लिए सहयोग करना शुरु कर देती है। यह अल्लाह का करम है कि हमें इसके लिए चुना गया है।
इन स्थानों से खाना करते हैं एकत्रित
सुल्तान आब्दी ने बताया कि उनका संपर्क महानगर के प्रत्येक विवाह घर और होटल से लेकर आम परिवारों तक है। वहां के फैके जाने वाले अन्न को वह बर्बाद नहीं होने देते,बल्कि उसे एकत्र कर खाने योग्य अन्न को असहाय और गरीबों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। इसके लिए उनके साथ अब कंधे से कंधा मिलाकर युवा टीम भी कार्य कर रही है। जब कोई उनकी व्यवस्था नहीं करता तो पूरी टीम अपनी जेब से 100 या 200 रुपए के हिसाब से एकत्र कर लोगों का पेट भरते हैं। उनका मानना है कि भूखे का पेट भरने से बड़ा धर्म ही नहीं है।
टीम में ये लोग हैं शामिल
टीम में फाउंडर राज कनौजिया, अध्यक्ष सुल्तान आब्दी, उपाध्यक्ष आदिल कुरैशी, महासचिव प्रतीक दुबे, उपमहासचिव अभिषेक दास, कोषाध्यक्ष धीरज कुमार, वरिष्ठ सलाहकार संरक्षक सलीम कुरैशी, रविन्द्र कुमार रिछारिया, संतराम पेण्टर, प्रचार मंत्री शुभम महौर, शेखर आदि प्रमुख रुप से शामिल हैं।