रेलवे ने बेंगलुरु-सोलापुर के बीच रो-रो सेवा का ट्रायल रन किया शुरू

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नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और रेल राज्यमंत्री सुरेश सी. अंगडी ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बेंगलुरु के पास नेलमंगला और महाराष्ट्र के सोलापुर के बीच रोल ऑन रोल ऑफ (रो-रो) सेवा को हरी झंडी दिखाई।
दक्षिण पश्चिम रेलवे द्वारा पहली बार शुरू की गई रो-रो ट्रेन सेवा के माध्यम से एक बार में 42 पूरी तरह से लदे ट्रकों को ले जाया जा सकता है। बेंगलुरु-सोलापुर के बीच रो-रो रेल सेवाओं के लिए मार्ग तय किए गए हैं जो चार राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र से होकर गुजरते हैं। प्रति ट्रक न्यूनतम वजन 30 टन तय किया गया है। लोडिंग व अनलोडिंग के लिए 3 घंटे निर्धारित किए गए हैं। सड़क मार्ग के बजाये ट्रेन केवल 17 घंटे में 682 किलोमीटर की कुल दूरी तय ट्रकों को उनके गंतव्यों तक पहुंचा देगी। परिवहन के सभी साधनों की तुलना में रेल परिवहन में सबसे कम ईंधन खर्च लगता है और यह सड़क की तुलना में अधिक सुरक्षित भी है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी पर जोर दे रहे हैं। क्षेत्र में एपीएमसी बाज़ारों की वजह से रो-रो सेवा के लिए अपार संभावनाएं हैं। रेल राज्य मंत्री सुरेश सी. अंगडी ने कहा कि मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है। बेंगलुरु और सोलापुर के बीच हजारों ट्रक आते-जाते रहते हैं। रो-रो सेवा के साथ यात्रा का समय केवल 17 घंटे होगा। यह ट्रायल रन है जिसमें कोविड के कारण देर हुई। किसान रेल शुरू की गई है जिससे कृषि उपजों को पूरे देश में पहुंचाया जा सकता है और इस प्रकार किसानों की मदद की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि रो-रो सेवा से क्षेत्र में तेजी से विकास होगा। रोल ऑन रोल ऑफ (रो-रो) विभिन्न वस्तुओं से भरे सड़क वाहनों को खुले समतल रेलवे वैगनों पर ले जाने की एक अवधारणा है। हाल ही के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री ने भारत को विकास के अगले स्तर तक ले जाने के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी की परिकल्पना की है।

 


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