शेख हसीना ने माना, बांग्लादेश के लिए भारी ‘बोझ’ बने रोहिंग्या शरणार्थी

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। देश में भारी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थियों की मौजूदगी, बांग्लादेश के लिए सिरदर्द बन गयी है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्वीकार किया है कि रोहिंग्या शरणार्थी उनके देश पर भारी ‘बोझ’ बन गए हैं।

बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ की एक खबर के मुताबिक रविवार को नीदरलैंड के नवनियुक्त राजदूत एनी गेरार्ड वेन ल्यूविन ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से उनके आधिकारिक निवास स्थान ‘गण भवन’ में मुलाकात की। शेख हसीना ने बांग्लादेश के विकास में नीदरलैंड के योगदान की प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने पत्रकारों को बातचीत का ब्यौरा दिया। बातचीत के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि 2017 में भारी संख्या में बांग्लादेश में आए रोहिंग्या शरणार्थी देश के लिए भारी बोझ बन गए हैं। कोक्स बाजार में पर्यावरण और वन संसाधनों की बर्बादी की जा रही है। इन शरणार्थियों के प्रत्यर्पण की स्थिति को लेकर 2017 से लेकर अबतक कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है।

उल्लेखनीय है कि 2017 में म्यांमार सेना से बचकर वहां से भागे बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को बांग्लादेश ने शरण दी। इन्हें बांग्लादेश के कोक्स बाजार स्थित शरणार्थी कैंपों में रखा गया। रोहिंग्या संकट के दौरान बांग्लादेश सरकार को उम्मीद थी कि म्यांमार में जल्द ही स्थितियां बदलेंगी और इन रोहिंग्या शरणार्थियों का म्यांमार प्रत्यर्पण किया जा सकेगा। इसी साल फरवरी माह में जब से म्यांमार की सत्ता में नाटकीय बदलाव आया, रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रत्यर्पण की रही-सही उम्मीद भी धूमिल हो गयी।


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