पटना, 11 दिसम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लालू प्रसाद को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर लगातार 11वीं बार निर्वाचित होने की औपचारिक घोषणा मंगलवार को पटना के बापू सभागार में की गई। साथ ही निर्वाचन से संबंधित प्रमाण-पत्र उनके दोनों पुत्रों तेजप्रताप यादव एवं तेजस्वी प्रसाद यादव को सौंप दिया गया। इसके अलावा बैठक में पार्टी के कुल 10 प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई।
इस अवसर पर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने संबोधन में सर्वप्रथम अपने पिता को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी और पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। तेजस्वी ने भाजपा और जदयू पर जमकर निशाना साधा और केंद्र एवं राज्य की एनडीए सरकार की नीतियों के खिलाफ मकर संक्रांति के बाद राज्यस्तरीय आंदोलन शुरू करने की घोषणा की।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर लालू जी की 2014 में दी गई नसीहत को मान लिया जाता तो आज देश में ऐसी नौबत नहीं आती। जो देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं वो आज सत्ता में हैं। लोकतंत्र की हत्या करने के प्रयास बार-बार किए जा रहे हैं। नागरिक संशोधन विधेयक-2019 लाकर उन्होंने यह साबित कर दिया है। यह विधेयक मानवता के खिलाफ है। इसके लिए जितना भाजपा-आरएसएस जिम्मेदार है उससे कहीं ज्यादा जिम्मेदार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं।
तेजस्वी ने हाल के महाराष्ट्र प्रकरण, देश में आर्थिक मंदी, अपराध, महंगाई व बेरोजगारी का उल्लेख करते हुए सत्तारूढ़ दल की ओर से पूर्व में किए गए वादों का जिक्र करते हुए कहा कि कहा गया था कि हरेक के खाते में 15- 15 लाख रुपये देंगे। नोटबंदी, जीएसटी और एनआरसी आधी रात को लगा दिया। इन फैसलों से देश को कोई फायदा नहीं बल्कि नुकसान की हो रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम उनको सम्मान से चाचा जी कहा करते थे लेकिन उन्होंने कैब पर लोकसभा में भाजपा का समर्थन किया। उनको मुख्यमंत्री बोलेंगे और कुछ नहीं। उन्होंने रात के अंधेरे में जनादेश चुराने का काम किया है। जो देश की एकता को खंडित करने का काम करेगा उसके लिए मेरे दिल में कोई सम्मान नहीं रहता है।
उन्होंने राज्य में गिरती कानून- व्यवस्था को लेकर भी सरकार पर कटाक्ष किए और एक गाना सुनाया “ देखा है पहली बार अपराधियों के पैर में सरकार ”. वे कहा करते थे कि थ्री सी पर हम कभी भी समझौता नहीं करेंगे, लेकिन वास्तविकता का आकलन करें तो वे हर मोर्चे पर समझौता करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी जिम्मेवारी आप लोगों ने मेरे कंधे पर डाले हैं तो मैं आप सबों को यह विश्वास दिलाता हूं कि जब तक मेरे अंदर जान है, मेरा पूरा जीवन देश व बिहार को समर्पित रहेगा. देश के संविधान को बचाने के लिए हम तैयार हैं. बिहार को बचाइए. मकर संक्रांति के ठीक बाद हमलोग आन्दोलन करेंगे और जनता के बीच जायेंगे।
तेज प्रताप यादव ने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से देश और बिहार में सरकार बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि यहां अफसरशाही हावी है। गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है। अगर किसी गरीब की बात अफसर नहीं सुमते तो उसे मेरे पास भेज दीजिए। मैं उसका काम करने खुद जाऊंगा। तेज प्रताप ने मंच से फिर खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार संविधान को खत्म करने की साजिश रच रही है। हम उसे कभी सफल होने नहीं देंगे।