रांची, 16 जनवरी (हि.स.)। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में पशुपालन घोटाला से जुड़े मामले (कांड संख्या आरसी – 47 ए /96) में लालू यादव का बयान दर्ज हुआ। मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी। लालू प्रसाद ने सीबीआई की ओर से पूछे गए 34 सवालों के जवाब दिए।
पूछे गए कुछ सवालों के जवाब
प्रश्न : आपने पशुपालन विभाग के पदाधिकारियों एवं अन्य लोगों के साथ साजिश कर 139. 35 करोड़ रुपये की निकासी कपटपूर्वक करने में सहायता पहुंचाई?
उत्तर: ऐसा नहीं है। मैंने निकासी में कोई सहायता नहीं पहुंचाई।
प्रश्न: 5 अक्टूबर 1990 अकाउंटेंट जनरल ने कपटपूर्वक निकासी बताया था, जिसमें पशुओं को कार, स्कूटर, टेंपो, जीप से ढोने की बात कही थी?
उत्तर : ऐसी बात नहीं है, हमने उचित जांच करने का आदेश दिया था।
प्रश्न : अवैध ट्रांसपोर्ट के संबंध निगरानी द्वारा केस 34/ 90 दिनांक 9 अगस्त19 90 को पशुपालन विभाग के अधिकारियों एवं आपूर्तिकर्ता के विरुद्ध रजिस्टर्ड किया था जिसकी जानकारी आपको थी, जिसपर आपने कोई कदम नहीं उठाया?
उत्तर : लालू ने इनकार करते हुए कहा कि उचित कार्रवाई का निर्देश दिया था।
प्रश्न: आपने पशुपालन मंत्री रामजीवन सिंह का विभाग बदल दिया क्यों?
उत्तर : ऐसी बात नहीं है। कई विभागों के मंत्री बदलते रहते हैं। इसी क्रम में उनका विभाग भी बदला गया था।
प्रश्न: कई बार विधान परिषद् में सदस्य कृपानंद पाठक, शत्रुघ्न प्रसाद सिंह और सुशील मोदी आदि के द्वारा पशुपालन विभाग में चल रहा मामला उठाया गया लेकिन इसे यह कहकर टाल दिया गया कि यह जांच लोक लेखा समिति कर रही है?
उत्तर: लोक लेखा समिति संवैधानिक संस्था है। जिसमें विरोधी पक्ष के सदस्य होते हैं। सभी पार्टियों के एक- एक सदस्य होते हैं।
प्रश्न : आपने जानबूझकर पशुपालन विभाग में चल रहे अवैध कपटपूर्ण निकासी रोकने का ठोस कदम नहीं उठाया।
उत्तर: ऐसी बात नहीं है। एजी, डीसी या फाइनेंस डिपार्टमेंट ने नहीं बताया था।
कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की कोर्ट में पेशी को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। लालू यादव 11:20 बजे कोर्ट के अंदर पहुंचे और कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई जो 12:45 बजे तक चलती रही। लालू प्रसाद 1:15 बजे बाहर निकले और कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें रिम्स के वार्ड ले जाया गया।
उल्लेखनीय है कि यह मामला डोरंडा कोषागार से लगभग 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। इस मामले में लालू प्रसाद, तत्कालीन पशु पालन मंत्री विद्यासागर निषाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा सहित कई आईएएस अधिकारी व आपूर्तिकर्ता सहित 111 आरोपी हैं। अब इस मामले में एक गवाह शिवानंदन प्रसाद का बयान दर्ज होना है, जो अभी बीमार हैं और गुजरात के एक हॉस्पिटल में भर्ती है। मामले के आरोपी पशुपालन विभाग के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक जुनूल भेंगराज एवं केएम प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा व आरके आनंद महत्वपूर्ण लोगों बयान भी दर्ज किये जा चुके है़ं।
दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने सुनाई है सजा
लालू प्रसाद को चारा घोटाले के दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई है। अवैध निकासी के दुमका मामले में पांच तथा चाईबासा मामले में लालू को सात साल की सजा हुई है। इसके अलावा चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में 23 दिसंबर 2017 को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया था। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव को साढ़े 3 साल की सजा सुनाई थी। लालू सजा की आधी अवधि जेल में काट चुके हैं।
17 मार्च 2018 से रिम्स में इलाजरत हैं लालू
पिछले साल 17 मार्च को लालू प्रसाद की तबियत बिगड़ने पर उन्हें पहले रांची के रिम्स और फिर दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था। कोर्ट ने उन्हें 11 मई को इलाज के लिए छह हफ्ते की पैरोल मंजूर की थी। इसे बढ़ाकर 14 और फिर 27 अगस्त तक किया। इसके बाद कोर्ट ने 30 अगस्त को लालू को कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया था। उसके बाद से लालू रिम्स में इलाजरत हैं। वे रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। लालू अनियंत्रित डायबिटीज, हाईब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारी, क्रॉनिक किडनी डिजीज (स्टेज थ्री), फैटी लीवर, पेरियेनल इंफेक्शन, हाइपर यूरिसिमिया, किडनी स्टोन, फैटी हेपेटाइटिस, प्रोस्टेट आदि बीमारी से पीड़ित हैं। फिलहाल उनकी सेहत स्थिर है।