नई दिल्ली/मुम्बई, 20 दिसम्बर (हि.स.)। देश की अग्रणी तेल-गैस क्षेत्र की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और रॉयल डच शेल पन्ना-मुक्ता तेल एवं गैस क्षेत्र को इसके परिचालन के 25 वर्ष 21 दिसम्बर को पूरे होने के बाद सरकारी कंपनी तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) को सौंपने वाली हैं।
दोनों कंपनियों ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान जारी कर बताया कि पन्ना-मुक्ता तेल एवं गैस क्षेत्र में कंपनी का 25वां साल इस सप्ताह पूरा होने वाला है। शेल और रिलायंस ने लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के बाद इसे बढ़ाये जाने की अपील नहीं करने का फैसला किया है। पन्ना-मुक्ता तेल एवं गैस क्षेत्र का 25 साल परिचालन करने के बाद पन्ना-मुक्ता एवं ताप्ती संयुक्त उपक्रम के भागीदार इस तेल एवं गैस क्षेत्र को 21 दिसम्बर को पुन: सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) प्रतिनिधि ओएनजीसी को सौंप देंगे। इस तेल एवं गैस क्षेत्र में स्थित ताप्ती क्षेत्र में 2016 में उत्पादन बंद हो गया। इसे पहले ही 2016 में ओएनजीसी को सौंपा जा चुका है।
अभी पन्ना-मुक्ता तेल एवं गैस क्षेत्र में रोजाना करीब 10 हजार बैरल कच्चा तेल और 14 करोड़ स्टैंडर्ड क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो रहा है। इस क्षेत्र ने अब तक 21.1 करोड़ बैरल कच्चा तेल और 1,250 अरब क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया है। इसके लिये 1994 में लाइसेंस दिया गया था।
भारत सरकार ने अरब सागर में मुंबई तट पर स्थित इस क्षेत्र का लाइसेंस 1994 में अमेरिका की कंपनी एनरॉन और रिलायंस इंडस्ट्रीज के समूह को दिया था। इस तेल एवं गैस क्षेत्र की खोज ओएनजीसी ने की थी और सरकार द्वारा मनोनीत होने के नाते इसमें ओएनजीसी की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एनरॉन के दिवालिया होने के बाद 2003 में उसकी हिस्सेदारी ब्रिटेन की कंपनी बीजी समूह ने खरीद ली। बाद में बीजी समूह की हिस्सेदारी 2016 में शेल ने खरीद ली। शेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास 30-30 प्रतिशत हिस्सेदारी है।