क्रांतिकारी है प्रधानमंत्री का समाज को तकनीक से जोड़ने वाला विजन : गिरिराज सिंह

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बेगूसराय, 11 जुलाई (हि.स.)। गाय के नस्ल संवर्धन एवं संरक्षण की दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उठाए गए क्रांतिकारी कदम की बदौलत बिहार में पहली बार एम्व्रियो ट्रांसफर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक से बेगूसराय के जोकिया में पहली बछिया का जन्म हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजना तथा केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के लगातार प्रयासों से यह संभव हुआ है, जो कि आने वाले दिनों में पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगा। पहली सफलता मिलने से गिरिराज सिंह काफी खुश हैं तथा उन्होंने इस योजना को और बढ़ावा देने का प्रयास तेज कर दिया है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के दौरे पर आए गिरिराज सिंह ने शनिवार की रात राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अध्यक्ष मिनेश शाह, बरौनी डेयरी के प्रबंध निदेशक सुनील रंजन मिश्रा एवं दुग्ध संघ बरौनी के अध्यक्ष विजय शंकर सिंह के साथ बैठक कर इसे और व्यापक बनाने पर चर्चा किया।

गिरिराज सिंह ने बताया कि समाज को तकनीक से जोड़ने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के परिणाम अब धरातल पर उतर रहे हैं। कुछ दिन पहले आईवीएफ-ईटी तकनीक से एक बछिया का जन्म हुआ, फिर जुड़वा बछिया का जन्म हुआ है। इस क्रांतिकारी तकनीक ने गाय की नस्ल के संवर्धन को एक नया आयाम दिया है। जहां पहले गाय के नस्ल संवर्धन में पांच पुश्त लेता था, अब यह एक से दो पुश्त में किया जाता है। इससे बछड़ों की बढ़ती तादाद पर लगाम लगाने की कोशिश सफल हो पाएगी तथा उन्नत बछिया की संख्या बढ़ने से दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। 27 सितम्बर 2020 को बिहार में पहली बार मवेशियों के नस्ल संंवर्धन एवं संरक्षण के लिए एम्ब्रियो ट्रान्सफर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जैसे क्रांतिकारी पहल की शुरुआत सर्वप्रथम जोकिया गांव से की गई थी। जिसमें जोकिया समिति के पशुपालक ललित कुमार सिंह के गाय में आईवीएफ तकनीक से एम्ब्रियो ट्रान्सफर किया गया था। जिसमें गाय ने पिछले सप्ताह एक स्वस्थ बछिया को जन्म दी है।

आईवीएफ तकनीक में प्रशिक्षित पशु चिकित्सक द्वारा यूट्रा साउंड-गाइडेट फॉलिक्युलर ऐज एस्पिरेशन तकनीक का उपयोग कर प्रदाता गाय से अंडा निकाला जाता है तथा अंडे को पेटरी डिश में रख कर अगले दिन सीमेन से निषेचन कराया जाता है। निषेचित अंडे को इनक्यूबेटर में सात दिन संरक्षित कर भूर्ण निर्मित किया जाता है। जीवंत भूर्ण को गर्भाशय में ट्रॉन्सफर किया जाता है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस सितम्बर 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बरौनी डेयरी में सेक्स सॉरटेड सीमेन योजना के साथ बिहार में इसकी शुरुआत की थी तथा सबसे पहले बरौनी डेयरी के सहयोग से इस अभियान को शुरू किया गया।

बिहार में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने के कारण डेनमार्क के रूप में चर्चित बेगूसराय में बड़ी संख्या में गायों को इससे जोड़ा जा रहा है। बरौनी डेयरी बेगूसराय ही नहीं, अपने कार्यक्षेत्र वाले आसपास के जिलों में भी इस अभियान को चला रही है। इसके अलावा निजी स्तर पर बेगूसराय की रजौड़ा में संचालित कामधेनु कैटल द्वारा भी बेगूसराय समेत बिहार के अन्य हिस्सों में सिर्फ बछिया होने वाली सीमेन पशुपालकों तक पहुंचाया जा रहा है, जिसके व्यापक परिणाम मिलने लगे हैं।


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