नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि आयकर सिस्टम का दुरुपयोग करने वालों आयकर विभाग सख्ती से निपटें। आयकर विभाग के 159वां स्थापना दिवस के मौके पर वित्त मंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट देशभर में आयकर दिवस मना रहा है।
गौरतब है कि 24 जुलाई, 1861 को पहली बार इनकम टैक्स की शुरुआत देश में हुई थी। ब्रिटिश सरकार के दौरान 24 जुलाई, 1860 को जेम्स विल्सन ने पहली बार इनकम टैक्स पेश किया था। तब से देश में इस दिन को आयकर दिवस के रूप में मनाया जाता है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले पांच साल में इनकम टैक्स का कलेक्शन बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है। यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। वित्त मंत्री ने कहा कि लोगों से आयकर जुर्माने के तौर पर नहीं लिया जाता, बल्कि टैक्स का कलेक्शन इसलिए किया जाता है। ताकि लोगों का काम किया जा सके, जो गरीब और पिछड़े हैं। इसके साथ ही संसाधन और धन का वितरण समान रूप से किया जा सके।
वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का काम मधुमक्खी की तरह होना चाहिए। जैसे मधुमक्खी फूलों से रस या शहद लेती है, लेकिल फूलों को नुकसान नहीं होता। सीतारमण ने आयकर विभाग को यह निर्देश दिया कि आयकर सिस्टम से खेलने वाले लोगों के साथ सख्ती से निपटे। उन्होंने कहा कि विभाग ऐसे लोगों पर इलेक्ट्रॉनिक या डेटा माइनिंग की मदद से नज़र रखने की जरूरत है।
ब्लैकमनी से निपटने में विभाग की बड़ी भूमिका-अनुराग ठाकुर
इस अवसर पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि कालेधन से निपटना भी एक बड़ी चुनौती है। इसमें आयकर विभाग की भूमिका बड़ी है। आयकर विभाग कालाधन जमा करने वाले और टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ निर्णायक कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार और आयकर विभाग टैक्स नहीं चुकाने वालों पर सखत कार्रवाई कर रही है और आयकर विभाग इस पर बेहतर काम कर रहा है।
वित्त वर्ष 2018-19 में 11.37 लाख करोड़ रुपए आयकर संग्रह
वहीं, इस मौक पर सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में 11.37 लाख करोड़ रुपए का आयकर संग्रह हुआ है। वहीं, 7 लाख करोड़ टैक्सपेयर्स बढ़े हैं। बता दें कि साल 1861 में जब इनकम टैक्स की शुरुआत हुई थी, तब 13 लाख रुपए कर संग्रह हुआ था। वहीं, राजस्व सचिव के अनुसार सिर्फ 5 साल में टैक्स फाइल करने वालों की संख्या में दोगुना बढ़ोतरी हुई है, जो पहले 3.31 करोड़ थी वो बढ़कर 6.50 ( करीब 7 करोड़) टैक्सपेयर्स हो चुके हैं।