सेवानिवृत्त निरीक्षक ने दुष्कर्म की गलती को पीड़िता के पिता से फोन पर किया स्वीकार

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 सबूत के लिए मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी से धारा 61 का प्रमाण पत्र लेगी पुलिस



कानपुर, 12 अगस्त (हि.स.)। चकेरी थाना में प्रभारी रह चुके दिनेश त्रिपाठी पर उसी थाना में किशोरी से दुष्कर्म किये जाने के मामले में मुकदमा दर्ज हो गया है। पुलिस ने सेवानिवृत्त निरीक्षक को गिरफ्तार करते हुए जांच शुरु कर दी है। पुलिस के हाथ एक आडियो क्लिप लग गया है, जिसमें आरोपित दिनेश त्रिपाठी पीड़िता के पिता से फोन पर अपनी गलती स्वीकार कर रहा है। हालांकि पुलिस साक्ष्य के रुप में इस आडियो को मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी से धारा 61 का प्रमाण पत्र लेना होगा।

महाराजपुर निवासी हलधर (काल्पनिक नाम) चकेरी के फ्रेंड्स कॉलोनी में सेवानिवृत्त निरीक्षक दिनेश त्रिपाठी के मकान में पत्नी और दो बच्चों के साथ रहकर मकान की देखभाल करते हैं। पीड़ित पिता के अनुसार उनकी पत्नी भी टिफिन सर्विस चलाकर बच्चों की पालन पोषण कर रही है। दिनेश त्रिपाठी प्रयागराज में अपने परिवार के साथ रहते हैं और समय—समय पर अपने चकेरी स्थित मकान में आते रहते हैं। रविवार की रात उसने 13 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। इसके बाद पीड़िता के पिता ने चकेरी थाना में मुकदमा दर्ज कराया और डीसीपी अनूप कुमार सिंह के निर्देश पर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर ही रही है कि आरोपित के मोबाइल से एक आडियो क्लिप मिल गई। इस आडियो क्लिप में पीड़िता का पिता और आरोपित की बातचीत हो रही है।

समझौते के लिए तैयार हो गई थी मां

पुलिस को दिनेश त्रिपाठी के पास से एक मोबाइल बरामद हुआ। जब इसकी जांच की गई तो एक आडियो रिकार्डिंग मिली। दावा है कि यह आडियो रिकार्डिंग दुष्कर्म पीड़िता के पिता और आरोपित के बीच की है। यह बातचीत उस समय की है, जिस समय पीड़िता का पिता रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचा था। इस बीच आरोपित ने उससे बातचीत की। फोन पर दो मिनट की बातचीत में पीड़ित पिता ने कहा कि वह उन पर कितना विश्वास करता था, पूरा परिवार उन्हेंं अभिभावक के रूप में देखता था और उन्होंने यह क्या किया।

इस पर आरोपित ने माना कि उससे गलती हो गई, मैं बहुत शर्मिंदा हूं, इस बार माफ कर दो। बातचीत में यह भी सामने आया है कि आरोपित इंस्पेक्टर ने दुष्कर्म के मामले में समझौते के लिए पीडि़ता की मां को पैसा देने का प्रलोभन भी दिया था। खौफ के चलते पीडि़ता की मां तैयार भी हो गई थी, लेकिन पिता नहीं माना। हालांकि यह आडियो तभी साक्ष्य बन सकेगा, जब पुलिस आरोपित के आवाज का परीक्षण फोरेंसिक लैब से कराएगी। इसके अलावा यह सिद्ध करना होगा कि यह बातचीत उक्त नंबरों पर हुई है, जिसके लिए पुलिस को मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी से धारा 61 का प्रमाण पत्र लेना होगा। इस प्रमाण पत्र के बिना कॉल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) को साक्ष्य के रूप में पेश नहीं किया जा सकेगा।


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