कश्मीर, 10 सितम्बर (हि.स.)। कश्मीर घाटी में मोहर्रम के मौके पर मंगलवार को हिंसक प्रदर्शन व किसी बड़े आतंकी हमले की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा है। इस दौरान कश्मीर घाटी के ज्यादातर हिस्सों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लागू करके सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आतंकी हमले की संभावना के चलते श्रीनगर की सड़कों पर जुलूस और ताजिया निकालने की इजाजत नहीं दी गई है। मुस्लिम समुदाय के लोगों से इमामबाड़ा में ही ताजिया निकालने को कहा गया है। लाल चौक और शिया बहुल इलाकों के रास्तों पर आम आवाजाही को पूरी तरह प्रतिबंधित रखा गया।
राज्य प्रशासन ने कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बनाए रखने व मोहर्रम के जुलूस के दौरान दंगे भड़कने की आशंका के चलते संवेदनशील इलाकों और मुख्य सड़कों व हाई-वे पर मोहर्रम के जुलूस की अनुमति नहीं दी है। कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लागू किए गए हैं। इस दौरान श्रीनगर के मुख्य लाल चौक व इसके साथ लगने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेट तथा लोहे की तारे लगाकर मार्ग को अवरूद्ध किया गया है ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।
इसी बीच डाउन टाउन, सोपोर, पट्टन, बारामुला, बडगाम, मागाम गांदरबल, पुलवामा, अनंतनाग और कुलगाम में मंगलवार सुबह से ही सख्ती से प्रतिबंध लागू किए गए हैं जिसका सामान्य जनजीवन पर असर दिखाई दे रहा है। खुफिया एजेंसियों द्वारा मोहर्रम के दौरान हिंसा फैलाने की खुफिया जानकारी देने के बाद रविवार से ही कश्मीर घाटी में सख्ती से प्रतिबंध लागू किए गए हैं। ताजिया के जुलूस के दौरान आतंकी लोगों पर हमला कर सकते हैं जिसके चलते इंटेलिजेंस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस दौरान मंगलवार को कश्मीर घाटी में सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सरकारी कार्यालय तथा शिक्षा संस्थान बंद रहे। सड़कों पर किसी प्रकार का कोई भी वाहन चलता नहीं दिखाई दे रहा है जिसके चलते सड़कें सूनी पड़ी हुई हैं। इस दौरान पूरे जम्मू कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है।
इससे पहले प्रशासन द्वारा पांच अगस्त से लगाए गए प्रतिबंध अब धीरे-धीरे हटाये जा रहे थे। शुक्रवार तक 91 फीसदी इलाकों में दिन के समय कोई प्रतिबंध लागू था। इस दौरान सभी लैंडलाइन ठीक से काम कर रहे हैं। जम्मू में सभी मोबाइल नेटवर्क ठीक से काम कर रहे हैं। लद्दाख और कुपवाड़ा के भी इलाकों में मोबाइल सेवाएं काम कर रही हैं।