जम्मू व लद्दाख में खुशी की लहर, कश्मीर घाटी में कहीं खुशी, कहीं गम

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केन्द्र सरकार के बड़े फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण  चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात, अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुख्ता इंतजामराज्य के ज्यादातर मार्गों पर कंटीली तार लगाकर लोगों की आवाजाही को रोका गया मिठाईयां बांटकर व ढोल बजाकर केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत



जम्मू, 05 जुलाई (हि.स.)। संसद में जम्मू-कश्मीर को लेकर सोमवार को मोदी सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण फैसलों के पूर्व ही राज्य प्रशासन ने रविवार आधी रात के बाद से जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लागू कर दिए थे। इस दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों की 40 कम्पनियां जम्मू संभाग के जम्मू, डोडा, उधमपुर, रियासी, रामबन, किश्तवाड़, राजौरी तथा पुंछ जिलों में तैनात की गई हैं। राज्य के ज्यादातर मार्गों पर कंटीली तार लगाकर लोगों की आवाजाही को रोका जा रहा है ताकि कोई शरारती तत्व राज्य का शांतिपूण माहौल खराब करने की हिम्मत न कर सके। इस दौरान रैलियों और राजनीतिक बैठकों पर भी प्रतिबंध लागू हैं। किश्तवाड़, डोडा, रामबन, राजौरी और पुंछ में रात का कर्फ्यू लागू किया गया है।
सोमवार को पूरे जम्मू-कश्मीर में दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। सभी शिक्षा संस्थानों को अगले आदेश तक बंद रखा गया है। सोमवार को होने वाली सभी परीक्षाओं को भी रद्द कर दिया गया है। राज्य की सड़कों पर इक्का-दुक्का निजी वाहनों के अलावा कोई और वाहन चलता नहीं दिखाई दे रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को लेकर लिए गए फैसलों से राज्य में स्थिति तनावपूर्ण परन्तु नियंत्रण में है। इस फैसले को लेकर जहां एक ओर जम्मू व लद्दाख में खुशी की लहर है तो दूसरी ओर कश्मीर घाटी में कहीं खुशी, कहीं गम है। इसी बीच कश्मीर घाटी में मोबाइल तथा मोबाइल इंटरनेट सेवा को भी बंद रखा गया है जबकि जम्मू जिले में केवल मोबाइल इंटरनेट सेवा को बाधित किया गया है जबकि राजौरी, पुंछ, डोडा किश्तवाड़ में मोबाइल के साथ मोबाइल इंटरनेट सेवा को भी बीती आधी रात के बाद से बंद कर दिया गया है।
एक ओर अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले से जम्मूवासी फूले नहीं समा रहे हैं तो दूसरी ओर कश्मीर घाटी में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। कोई भी इस बारे में खुलकर बात नहीं कर रहा है। राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले का एनसी, पीडीपी तथा कांग्रेस विरोध करके इस फैसले को राज्य की जनता के खिलाफ बता रही है। लद्दाख व जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाए जाने से जम्मूवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई हैं। मिठाईयां बांटकर व ढोल बजाकर केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है। डोगरा फ्रंट व विश्व हिन्दू परिषद ने इस फैसले का स्वागत कार्यकर्ताओं में मिठाईयां बांट कर किया है।
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देते हुए केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 30 सालों से आतंकवाद के चलते जम्मू-कश्मीर में 1 लाख जानें गई हैं और यह सब अनुच्छेद 370 के कारण हुआ है। अनुच्छेद 370 ही आतंकवाद व अलगाववाद की असली जड़ रही है, इसलिए इसका समाप्त होना बहुत जरूरी था। मोदी सरकार ने इस सदी का सबसे बड़ा व जरूरी फैसला लेकर जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर आजादी दिलवा दी है। दूसरी तरफ लेह-लद्दाख में जनजीवन आम दिनों की तरह सामान्य रहा। सोमवार को भी स्कूल, कॉलेज एवं अन्य शैक्षणिक संस्थान सामान्य दिनों की तरह खुले और लेह-लद्दाख में धारा 144 नहीं लगाई गई है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा श्री अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका के चलते गत शुक्रवार को यात्रियों व पर्यटकों को लौटने की एडवाइजरी जारी की गई थी जिसके बाद से ही कश्मीर घाटी, यात्रियों व पर्यटकों में अफरा-तफरी का माहौल रहा और लगभग 70 हजार यात्री, पर्यटक व श्रमिक राज्य से वापस लौट चुके हैं। कश्मीर घाटी व जम्मू में शिक्षा ग्रहण कर रहे बाहरी राज्यों के सैकड़ों छात्रों को वापस भेजा गया है। श्री अमरनाथ यात्रा स्थगित होने के बाद शनिवार को जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में चल रही मचौल यात्रा भी स्थगित कर दी गई थी।
मोदी सरकार के इस बड़े फैसले से राज्य में अभी भी स्थिति तनाव पूर्ण बनी हुई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। सोमवार को 8 हजार के करीब और अतिरिक्त सुरक्षाबलों को केंद्र से जम्मू-कश्मीर भेजा गया है। राज्य प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।

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