आरक्षण संवैधानिक अधिकार, बहस की जरूरत नहीं : पासवान

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केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आरक्षण अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर उच्च वर्ग को भी मिल रहा है।



नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने  कहा कि आरक्षण कमजोर वर्ग को दिया गया एक संवैधानिक अधिकार है, जिस पर किसी प्रकार की बहस की कोई जरूरत नहीं है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आरक्षण अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर उच्च वर्ग को भी मिल रहा है। अब इसको हटाया जाना संभव नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष विवाद को बढ़ाने के प्रयास में लगा हुआ है, लेकिन जनता उनके झूठ को नहीं मानेगी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस बीच कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बहस के बहाने सामाजिक न्याय को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि भाजपा सरकार एक-एक करके जनपक्षधर कानून का गला घोंट रही है। आरएसएस ने भी लगे हाथ आरक्षण पर बहस करने की बात उठा दी है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि आरक्षण मुद्दे का समाधान सहमति और सद्भावना से ही संभव है। आरक्षण के समर्थक और आरक्षण के विरोधी जब एक-दूसरे के विचारों और नजरिए को ध्यान में रखकर इस मुद्दे पर विचार करेंगे तो इस समस्या का हल निकल आएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सोमवार को सरसंघचालक मोहन भागवत के एक बयान पर छिड़ी राजनीतिक बहस को अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास बताया और कहा कि आरएसएस आरक्षण का समर्थन करता है।

 


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