नई दिल्ली, 09 अक्टूबर (हि.स.)। त्योहारी सीजन से पहले भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर शक्ति कांत दास ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों के बारे में शुक्रवार को जानकारी दी। दास ने बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि इसे 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
आरबीआइ गवर्नर ने संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत में मौद्रिक नीति समिति के नए सदस्यों का स्वागत करते हुए उनका आभार प्रकट किया। उन्होंने विश्लेषणात्मक सहयोग के लिए टीम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि एमपीसी ने वृद्धि को मजबूती देने के लिए सर्वसम्मति से रेपो रेट को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मत देकर उदार बनाया रखा। ज्ञात हो कि नवगठित मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक 7 अक्टूबर से नौ अक्टूबर तक चली है।
गवर्नर दास ने कहा कि भय और निराशा का माहौल अब आशा में बदल रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में महंगाई दर में कमी आ सकती है। इसके लक्ष्य के आसपास रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर सकारात्मक अंकों में रह सकती है। इसके साथ विभिन्न सेक्टर्स में वेरिएशन के साथ भारत में तेज रिकवरी की संभावना है। कृषि, कंज्यूमर गुड्स, बिजली और फार्मा सेक्टर्स में तेज रिकवरी हो सकती है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी में 9.5 फीसदी की मंदी देखी जा सकती है। सितम्बर महीने में पीएमआई बढ़कर 56.9 हो गया, जो जनवरी 2012 के बाद से सबसे अधिक है। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में उधार की औसत लागत 5.82 फीसद पर है, यह 16 साल में सबसे कम है। दास ने कहा, ‘मैं आशावादी हूं। आर्थिक स्थिति में हो रहे बदलाव इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि हम बेहतर कल का सपना देख सकते हैं।’