नई दिल्ली, 15 नवम्बर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को दिवंगत पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नाम पर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (एमपी-आईडीएसए) का नाम बदलने के लिए पट्टिका का अनावरण किया। उन्होंने एमपी-आईडीएसए से अनुसंधान और नीति निर्माण में नए विचारों के साथ आने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का आग्रह किया। राजनाथ सिंह ने 2016 के आतंकवाद विरोधी हमलों के दौरान उनके नेतृत्व और ‘एक रैंक एक पेंशन’ योजना का कार्यान्वयन करने के लिए पूर्व रक्षा मंत्री को याद किया।
रक्षा अध्ययन और विश्लेषण के लिए मनोहर पर्रिकर संस्थान (एमपी-आईडीएसए) का नाम बदलने का फैसला इस साल की शुरुआत में लिया गया था। पूर्व रक्षा मंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर को याद किया, जिन्होंने अपने समय में रक्षा मंत्री के रूप में संस्थान के काम को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया था। अपने साथ लंबे जुड़ाव को याद करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पर्रिकर जी को रक्षा से संबंधित मामलों की गहरी समझ थी और वह हमारे सशस्त्र बलों के लिए एक विचारशील नेता थे। जम्मू-कश्मीर में उड़ी की घटना के बाद 2016 के आतंकवाद विरोधी हमलों में उनके नेतृत्व और सशस्त्र बलों के हित में लिए गए ‘वन रैंक वन पेंशन’ के फैसले को लंबे समय तक याद किया जाएगा।
एमपी-आईडीएसए के 57वें स्थापना दिवस पर राजनाथ सिंह ने संस्थान की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि पिछले लगभग छह दशकों में रक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में सबसे अच्छे थिंक-टैंक के रूप में उभरा है। उन्होंने इसे एक अनूठी संस्था करार दिया, जिससे अकादमिक और विभिन्न अनुसंधान क्षेत्रों के साथ-साथ कई देशों के सरकारी विभागों की प्रतिभाएं एक मंच पर आ सकी हैं। विचार-मंथन से निकले विचारों ने 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में निर्णय निर्माताओं की मदद की है। यह संस्थान अपनी गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने एमपी-आईडीएसए को एक अमूल्य खजाना बताया, जो देश की रक्षा और सुरक्षा को एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।
रक्षा मंत्री ने संस्थान से राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्रों में अधिक गहराई से विचार करने का आह्वान किया ताकि यह राष्ट्र के समग्र विकास में भी उपयोगी हो सके। उन्होंने संस्थान, विशेष रूप से विद्वानों को अनुसंधान और नीति निर्माण के क्षेत्र में नए विचारों के साथ आने और मजबूत एवं सक्षम भारत के निर्माण में योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने इसके लिए सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने का भी भरोसा दिया। रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर एक ओपन एयर जिम और 100 किलोवाट ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन किया। रक्षा मंत्री ने संस्थान के विद्वानों द्वारा लिखित पुस्तकों का भी लोकार्पण किया, जिसमें देश की रक्षा, सुरक्षा, विदेश नीति और सामरिक अनिवार्यताओं के लिए प्रासंगिक अनुसंधान विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।