आरकॉम को जुलाई-सितम्बर तिमाही में 30,412 करोड़ रुपये का घाटा

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सुप्रीम कोर्ट के सांविधिक बकाया पर फैसले के मद्देनजर देनदारियों के लिए प्रावधान की वजह से कंपनी का घाटा इतना बढ़ा है।



नई दिल्ली दिल्‍ली/मुंबई, 16 नवम्बर (हि.स.)। एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के बाद कर्ज के बोझ तले दबे रिलायंस कम्‍युनिकेशंस (आरकॉम) को जुलाई-सितम्बर की तिमाही में 30,142 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के सांविधिक बकाया पर फैसले के मद्देनजर देनदारियों के लिए प्रावधान की वजह से कंपनी का घाटा इतना बढ़ा है। दिवाला प्रक्रिया में चल रही कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,141 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था।
सुप्रीम कोर्ट के दूरसंचार कंपनियों के सालाना समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की गणना पर फैसले के मद्देनजर कंपनी ने 28,314 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। आरकॉम की कुल देनदारियों में 23,327 करोड़ रुपये का लाइसेंस शुल्क और 4,987 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क शामिल है।
उल्लेखनीय है कि आरकॉम और उसकी सब्सिडरी कंपनियों ने 1,210 करोड़ रुपये के ब्याज और 458 करोड़ रुपये के विदेशी विनिमय उतार-चढ़ाव के लिए प्रावधान नहीं किया है। आरकॉम ने बयान में कहा कि यदि इसके लिए प्रावधान किया जाता तो उसका नुकसान 1,668 करोड़ रुपये और बढ़ जाता। इसके अलावा जुलाई-सितम्बर तिमाही के दौरान कंपनी की परिचालन आय घटकर 302 करोड़ रुपये रह गई है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 977 करोड़ रुपये थी।

 


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