नई दिल्ली, 11 नवम्बर (हि.स.)। सरकार ने टैक्सपेयर्स (करदाताओं) को राहत देने और कर संग्रह में बढ़ोतरी के लिए इनकम टैक्स टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर विचार करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार टास्क फोर्स के कुछ सुझावों पर आने वाले आम बजट में अमल करने की सोचरही है।
टैक्स प्रक्रिया में सुधार के सुझावों के लिए मोदी सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था। इसमें मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के सदस्य अखिलेश रंजन भी शामिल थे। टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट 19 अगस्त,2019 को केंद्र सरकार को सौंपी थी। फिलहाल इस रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए टास्क फोर्स ने तीन सूत्री व्यवस्था का सुझाव दिया है। दरअसल यह सुझाव इक्विटी, नॉन-इक्विटी फाइनेंशियल एसेट्स और प्रॉपर्टी सहित सभी अन्य हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यदि सरकार डायरेक्ट टैक्स के लिए गठित टास्क फोर्स के सुझावों पर पूरी तरह से अमल करती है, तो इससे सरकार की आमदनी में 55 हजार करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा होगा।
सूत्रों के अनुसार टास्क फोर्स की रिपोर्ट के मुताबिक दस लाख रुपये तक की आय वालों के लिए 10 फीसदी, दस से बीस लाख रुपये तक के लिए 20 फीसदी, बीस लाख रुपये से दो करोड़ रुपये तक की आमदनी वालों के लिए 30 फीसदी और दो करोड़ रुपये से अधिक की आय वालों के लिए 35 फीसदी के पर्सनल इनकम टैक्स दर का सुझाव दिया है। इसके साथ ही टॉस्क फोर्स ने सरचार्ज को खत्म करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा मेडिकल और एजुकेशन खर्चों, प्रॉविडेंट फंड, हाउसिंग लोन और चैरिटी पर उपलब्ध डिडक्शन (छूट) को कम करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि, मौजूदा आयकर छूट की सीमा में परिवर्तन करने का सुझाव टास्क फोर्स द्वारा नहीं दिया गया है।