कॉरपोरेट टैक्स कम करना अर्थव्यवस्था के लिए सही कदम नहीं : अभिजीत बनर्जी

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एक अंग्रेजी दैनिक को दिए साक्षात्कार में अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे गरीबी उन्मूलन योजना को समर्थन करते हैं लेकिन हाल ही में उद्योगपतियों के लिए कर में कटौती करना सार्थक कदम नहीं है।



नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री और इस वर्ष के नोबल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कॉरपोरेट टैक्स में कमी देश की अर्थव्यवस्था के लिए सही कदम नहीं है।
एक अंग्रेजी दैनिक को दिए साक्षात्कार में अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे गरीबी उन्मूलन योजना को समर्थन करते हैं लेकिन हाल ही में उद्योगपतियों के लिए कर में कटौती करना सार्थक कदम नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यवसायों पर उच्च करों से सरकार को कल्याणकारी उपायों पर अधिक खर्च करने में मदद मिल सकती है, जैसे कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना और मनरेगा।
अभिजीत ने कहा कि वर्तमान सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। उज्ज्वला योजना कम आय वाली महिलाओं के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर वर्तमान सरकार पीएम किसान सम्मान निधी योजना अच्छी तरह से लागू करे तो यह गरीब किसानों के लिए काफी लाभदायक होगी। हालांकि, मैं हाल ही में हुए कॉर्पोरेट कर कटौती के बारे में आश्वस्त नहीं हूं, मुझे लगता है कि यह अनुचित है। अगर सरकार कुछ और करना चाहती, तो वह राजकोषीय घाटे को बढ़ा सकती थी और गरीबों को नकद दे सकती थी। कर में कटौती पश्चिम प्रभाव का असर है इससे अमीरों को लाभ पहुंचेगा।
बनर्जी ने कहा कि देश में केवल तीन प्रतिशत लोग ही टैक्स देते हैं। अगर आप गरीबों को सबल बनाना चाहते हैं, तो आप आयकर में कमी कर इसे पूरा नहीं कर सकते हैं। आप अमीरों पर कर बढ़ा सकते हैं। धन कराधान पर विचार कर सकते हैं और कॉरर्पोरेट कर की दर ऊंची रख सकते हैं।

 


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