नई दिल्ली, 15 अगस्त (हि.स.)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के पास ड्रोन-विरोधी प्रणाली तैनात की थी। यह सिस्टम 3 किलोमीटर तक के इलाके में माइक्रो ड्रोन का पता लगा सकता है। इससे लेजर हथियार का उपयोग करके 1-2.5 किलोमीटर तक के लक्ष्य को नीचे लाया जा सकता है।
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को संबोधित करने पहुंचे तो उनकी सुरक्षा के लिए डीआरडीओ द्वारा निर्मित ड्रोन-रोधी प्रणाली तैनात थी। डीआरडीओ के अनुसार यह प्रणाली लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियारों के माध्यम से ड्रोन के इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंचाकर माइक्रो ड्रोन को भी बेअसर कर सकती है। यह प्रणाली ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहन खतरों का तुरंत पता लगाने और पहचानने और उन्हें समाप्त करने में सक्षम है। इसके अलावा यह स्वदेशी प्रणाली 3 किमी तक की दूरी पर माइक्रो ड्रोन का पता लगा सकती है और लेजर हथियार के वाट क्षमता के आधार पर एक से 2.5 किमी दूर एक लक्ष्य को मार गिरा सकती है। यह प्रणाली भारत के पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में ड्रोन-आधारित गतिविधि को बढ़ाने के लिए एक प्रभावी काउंटर हो सकता है।