सीएम नीतीश कुमार के करीबी आरसीपी सिंह बने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष

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नौकरशाह से राजनेता बने आरसीपी सिंह बेनी प्रसाद वर्मा ने नीतीश कुमार से आरसीपी का कराया था परिचय

वर्ष 2010 में आईएएस की नौकरी छोड़ राजनीति में रखा था कदम



पटना, 27 दिसम्बर (हि.स.) । राज्यसभा सांसद और नीतीश कुमार के बेहद करीबी मने जाने वाले आरसीपी सिंह को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है। नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह दोनों ही बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं। बिहार की राजनीति को अच्छी तरह से समझने वाले लोग कहते हैं कि नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के नौकरशाह के तौर पर उनकी भूमिका से काफी प्रभावित थे। बाद में नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को अपने साथ ले आए। जब नीतीश कुमार रेलमंत्री बने थे तो आरसीपी सिंह को अपना विशेष सचिव बनाया था।

नवंबर, 2005 में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने तो आरसीपी सिंह को साथ लेकर बिहार भी आए और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद आरसीपी की जदयू में दिनोदिन पकड़ मजबूत होने लगी। वर्ष 2010 में आरसीपी सिंह ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी से वीआरएस ले लिया और जदयू ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित कर दिया। वर्ष 2016 में नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को फिर से राज्यसभा भेजा।

बिहार के नालंदा जिले के मुस्तफापुर में 6 जुलाई, 1958 को जन्में आरसीपी सिंह के पिता का नाम स्व. सुखदेव नारायण सिंह था। माता का नाम स्व. दुख लालो देवी। आरसीपी सिंह की प्रारंभिक शिक्षा हुसैनपुर, नालंदा और पटना साइंस कॉलेज से हुई। बाद में वह जेएनयू में भी पढ़ाई की। राजनीति में शामिल होने से पहले आरसीपी सिंह प्रशासनिक सेवा में रहे। यूपी कैडर से आईएएस रहे और वह रामपुर, बाराबंकी, हमीरपुर और फतेहपुर के जिलाधिकारी रह चुके हैं। इस दौरान आरसीपी सिंह की सपा के कद्दावर नेता रहे बेनी प्रसाद वर्मा से भी काफी नजदीकियां रही। बेनी प्रसाद वर्मा केंद्रीय संचार मंत्री बने तो आरसीपी सिंह उनके निजी सचिव हुआ करते थे। इसके बाद नीतीश कुमार रेल मंत्री बने तो बेनी प्रसाद वर्मा ने उनसे आरसीपी सिंह का परिचय कराया और उन्हें अपने साथ रखने की सलाह दी थी। नीतीश कुमार ने इसी के बाद उन्हें अपना निजी सचिव रखा था। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार जब बिहार के मुख्यमंत्री बने तो वह पांच सालों तक उनके प्रधान सचिव रहे। फिर बाद में उन्हें राजनीति में ले आए और अब राज्यसभा का सांसद बना दिया। तब से दोनों नेताओं के बीच अच्छी केमिस्ट्री बनी रही है।

 


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