मुंबई/नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने ग्राहकों की निजता को बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आरबीआई के नए सर्कुलर के तहत खुदरा लोन देने और क्रेडिट कार्ड के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बैंक अब डायरेक्ट सेलिंग एजेंट्स (डीएसए) नहीं रख सकेंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार को ऐसे प्राइवेट एजेंट रखने पर बैन लगा दिया है।
दरअसल आरबीआई ने यह कदम बैंकिंग सेक्टर में डाटा चोरी जैसी घटनाओं में कमी लाने और बैंकों की ऑपरेशनल लागत को कम करने के उद्देश्य से उठाया है। हालांकि, आरबीआई के उठाए गए इस कदम से कंज्यूमर लोन और क्रेडिट कार्ड कारोबार में कमी आने का अंदेशा है।
मौजूदा वक्त में बैंकों का रिटेल एसेट्स जैसे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड एवं कंज्यूमर क्रेडिट जैसे कार्य डीएसए के जरिए होता है। बैंकर्स का कहना है कि ये कार्य दशकों से हो रहा है, जो बैंकों की रिटेल लोन बुक में अहम रोल निभाता है।