रिजर्व बैंक ने मंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक से पैसे निकालने पर लगाई रोक

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आरबीआई ने मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर लगाई है 6 महीने की पाबंदी तमिलनाडु के लक्ष्‍मी विलास बैंक पर एक महीने की पाबंदी देर रात लगाया 



नई दिल्‍ली/मुंबई, 18 नवम्‍बर (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर छह महीने के लिए पाबंदी लगा दी है। आरबीआई ने महाराष्ट्र के जालना जिले में मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर पैसों के भुगतान और कर्ज के लेनदेन को लेकर 6 महीने के लिए पाबंदी लगाई है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने तमिलनाडु के निजी क्षेत्र के लक्ष्‍मी विलास बैंक पर एक महीने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं।

आरबीआई ने देर रात मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के बारे में जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि उसने इस बैंक को कुछ निर्देश दिए हैं, जो 17 नवम्‍बर, 2020 को बैंक बंद होने के बाद से 6 महीने तक प्रभावी होंगे। आरबीआई की अनुमति के बिना यह बैंक कोई कर्ज या उधार नहीं दे सकेगा और न ही पुराने कर्जों का नवीनीकरण तथा कोई निवेश कर सकेगा। इसके अलावा बैंक पर नई जमा राशि स्वीकार करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। इसके तहत वह कोई भुगतान भी नहीं कर सकेगा और ना ही भुगतान करने का कोई समझौता कर सकेगा।

लक्ष्‍मी विकास बैंक पर लगी है पाबंदी
इससे पहले तमिलनाडु के निजी क्षेत्र के लक्ष्‍मी विलास बैंक पर एक महीने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। रिजर्व बैंक ने बैंक के बोर्ड को सुपरसीड कर दिया है और निकासी की सीमा  तय कर दी है। ग्राहक अब 16 दिसम्‍बर तक बैंक से अधिकतम 25 हजार रुपये की ही निकासी कर सकेंगे। रिजर्व बैंक ने सरकार की सलाह पर यह कदम उठाया है।

 


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