आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं

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चार प्रतिशत पर यथावत



मुम्बई, 04 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर ही यथावत रखा है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत गिरावट आने का नया अनुमान व्यक्त किया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को कायम रखते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वह आगे भी नीतिगत दरों में कटौती समेत हर संभव कदम उठाएगा।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया। आर्थिक वृद्धि के अनुमान के बारे में दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में इसमें -7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही में इसमें क्रमश: 0.1 प्रतिशत और 0.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरी कदम उठाये जाएंगे। एमपीसी के आज के निर्णय से जहां रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बरकरार है, वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले, केंद्रीय बैंक आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मार्च 2020 से अब तक रेपो रेट में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।


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