मुद्रा योजना के तहत बढ़ते लोन पर आरबीआई डिप्‍टी गवर्नर ने जताई चिंता

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में मुद्रा लोन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का मकसद सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यमों को जरूरी वित्‍त पोषण सुविधा उपलब्‍ध कराना है। 



नई दिल्‍ली/मुंबई, 26 नवम्‍बर (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के डिप्‍टी गवर्नर एम.के. जैन ने छोटे कारोबा‍रियों को कर्ज मुहैया कराने के लिए शुरू की गई मुद्रा लोन योजना में कर्ज वसूली की बढ़ती समस्‍या को लेकर चिंता जताई है। उन्‍होंने मंगलवार को बैंकों से कहा कि वह इस योजना के तहत दिए जाने वाले कर्ज पर करीब से नजर रखें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में मुद्रा लोन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का मकसद सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यमों को जरूरी वित्‍त पोषण सुविधा उपलब्‍ध कराना है।
डिप्‍टी गवर्नर जैन ने यह बात भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडवी) के सूक्ष्म वित्त पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्‍होंने कहा कि ‘मुद्रा लोन योजना’ पर हमारी नजर है। इस योजना से देश के कई लाभार्थियों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में बड़ी मदद मिल रही है लेकिन इसमें कई कर्जदारों के बीच गैर-निष्पादित राशि के बढ़ते स्तर को लेकर कुछ चिंता भी है।

 


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