बिहार में पांच हजार डिजिटल गांव बनाने का लक्ष्य: रवि शंकर

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पटना में टीसीएस केंद्र का किया उद्घाटन



पटना, 13 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय कानून, आईटी और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बिहार में पांच हजार डिजिटल गांव बनाये जाएंगे।  पटना में टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (टीसीएस) केंद्र का उद्घाटन करते हुये शनिवार को उन्होंने कहा कि पूरे देश में ऐसे एक लाख गांव बनाये जाएंगे। उन्होंने कहा  कि जब वह पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे उसी वक्त उन्होंने निर्णय कर लिया था कि पटना में टीसीएस के केंद्र की शुरुआत जरुर करेंगे। आज उनका यह सपना पूरा हो गया है।

  उन्होंने  कहा कि इस केंद्र में 500 लोग काम करेंगे लेकिन वह टीसीएस के कर्ताधर्ताओं से गुजारिश करेंगे कि आने वाले दिनों में इसकी क्षमता बढ़ाकर 1500 कर दी जाये। उन्होंने कहा कि पटना में टीसीएस के इस केंद्र से डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहे राज्य की गति को एक नई दिशा में मिलेगी। उन्होंने कहा कि पटना के लोगों को टीसएस को समझना होगा क्योंकि इसका परचम दुनियाभर में लहरा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल भारत को गांव-गांव तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं । डिजिटल भारत में समावेशी विकास के तहत हर किसी को शामिल करना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिहार में 5000 डिजिटल गांव बनाने का लक्ष्य है। देशभर में 1 लाख डिजिटल गांव बनाए  जाएंगे ।

उन्होंने कहा कि 130 करोड़ वाले इस देश में 123 करोड़ों लोगों के पास आधार कार्ड है, 121 करोड़ों के पास मोबाइल फोन है। इनमें 70 करोड़ लोगों के पास स्मार्ट फोन है। डिजिटल इंडिया का सबसे बड़ा फायदा  यह है कि जन कल्याणकारी योजनाओं का पैसा सीधे उनलोगों के खातों में जा रहा है जो इसके हकदार हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी खुद कहा करते थे कि उनके द्वारा भेजे गये एक रुपये में सिर्फ 15 रुपये ही नीचे तक जाते  हैं , शेष 85 रुपये बिचौलिये गड़प कर जाते हैं। डिजिटल इंडिया ने इसे पूरी तरह से रोक दिया है। अब पूरा पैसा सीधे उनके खाते में पहुंच रहे हैं। बिचौलिये बाहर हो गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया के जरिये देश को ईमानदार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा कि डाक विभाग में काम कर रहे लोगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिक्रमंद थे। इस विभाग में काम करने वाले लोगों को देखने के लिए उन्होंने खासतौर से हिदायत दी थी। अब डाक विभाग के लोगों को ई-कॉमर्स के काम में लगा दिया गया है। ये लोग गांवों के लोगों तक फोन के जरिये उनके द्वारा आर्डर किये गये तरह तरह के उत्पादों को पहुंचा रहे हैं और इज्जत पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आधार कार्ड भी डिजिटल इंडिया का ही हिस्सा है। इसमें आंखों की पुतली और हाथों की  उंगलियों के निशान के साथ -साथ आपका नाम और पता दर्ज होता है।  इसके जरिये आपका डाटा का मिलान करके तुरंत आपकी पहचान कर ली जाती है। यह देखने में आया है कि ड्राइवर लोग एक राज्य में एक्सिडेंट करके फरार हो जाते हैं और फिर दूसरे राज्य में जाकर वहां से ड्राइविंग का लाइसेंस ले लेते हैं। अब ड्राइविंग लाइसेंस को भी आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा ताकि इस तरह की गड़बड़ियों को रोका जा सके । यह है डिजिटल इंडिया का मतलब।

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया की वजह से भारत में पर्यटन की दिशा में आपार बढ़ोतरी हो रही है। आज 187 देशों को ई-वीजा से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें अक्सर दूसरे देशों का दौरा करने का अवसर मिलता है। लैटिन अमेरिका  और अफ्रीकी देशों के लोग अक्सर उनके पास आते हैं और डिजिटल इंडिया के बारे में तरह -तरह के सवाल करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘ए-पोलिटिकल ग्लोबल’ नाम की लंदन स्थित एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने  उन्हें 20 ग्लोबल डिजिटल नेताओं  में शुमार किया है।

इस अवसर पर विधायक नितिन नवीन, विधायक संजीव चौरसिया, ओमकार राव, टीसीएस के अधिकारी मिलिंद भी मौजूद थे।

 


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