नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। देश में कोरोना से होने वाली मौत की दर घटकर 2.87 प्रतिशत हो गई है। 15 अप्रैल के दौरान यह 3.30 प्रतिशत थी। विश्व में कोरोना से होने वाली मौत की दर प्रति लाख जनसंख्या पर 4.5 प्रतिशत है जबकि भारत में यह प्रतिशत 0.3 प्रति लाख है। इसके साथ कोरोना से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या दर 41.6 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में मृत्यु दर में कमी के कारणों पर कहा कि देश में कोरोना से निपटने की तैयारी जनवरी में ही शुरू कर दी गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय सक्रिय था और क्लिनिकल प्रोटोकॉल के हिसाब से काम शुरू कर दिया गया था। सभी राज्यों में नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए थे। कोरोना मरीजों के संपर्क की निगरानी और स्वास्थ्य सेवाओं की क्षमता में सुधार पर फोकस किया गया। लव अग्रवाल ने कहा कि लोगों के सहयोग के कारण कोरोना संक्रमण के प्रसार की गति को रोकने में कामयाबी मिली है। इसी सहयोग को बरकरार रखने की जरूरत है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ मास्क के प्रयोग, हाथों को सेनिटाइज करने से हम सभी कोरोना से बच सकते हैं।
कुछ बातों का ध्यान रखते हुए एसी का कर सकते हैं प्रयोग
लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशन (एसी) का प्रयोग किया जा सकता है बशर्ते कि कमरे में खिड़की हो और कमरा हवादार हो। एसी की हवा को बार-बार बदला जाना चाहिए। इस संबंध में भी मंत्रालय ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की है।
घनी आबादी के कारण महाराष्ट्र बना संक्रमण केन्द्र
महाराष्ट्र में प्रतिदिन 40 फीसदी नए मामले आने के सवाल का जवाब देते हुए संयुक्त सचिव ने कहा कि मुंबई में घनी आबादी के कारण कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चूंकि कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने वाली बीमारी है, इसलिए इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इस संबंध में केन्द्र की टीमें वहां पहुंची हुई हैं। कंटेनमेंट और निगरानी का काम चल रहा है।