दुर्लभ वृक्षों की प्रजातियां दिल्ली के चिड़ियाघर में अब पर्यटक देखेंगे
नई दिल्ली, 03 अप्रैल (हि.स.)। राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना महामारी के चलते कई पर्यटक स्थलों को बंद करना पड़ा था। अब करीब एक साल से बंद पड़े दिल्ली के चिड़ियाघर में कई बदलाव किये गये हैं। चिड़ियाघर प्रशासन ने पर्यटकों के लिये इस बार एक नई पहल की शुरुआत की है। बातचीत करते हुए दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि लंबे समय के बाद चिड़ियाघर अब सभी के लिये खुल गया है। ऐसे में इस बार चिड़ियाघर प्रशासन ने डंपिंग यार्ड बने चिड़ियाघर परिसर की करीब चार एकड़ जमीन को साफ कर उसे ‘ट्री पॉइंट’ में तब्दील कर दिया है, ताकि चिड़ियाघर मनोरंजन के साथ-साथ पर्यटकों का ज्ञानवर्धन भी कर सके।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में पर्यटकों के लिए नेचर वॉक, ट्री वॉक, ट्री हंट जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। वहीं उन्होंने बताया कि पहले चिड़ियाघर में देशों के हिसाब से वन्यजीवों को रखा जाता था। अब खासतौर पर वृक्षों से प्रेम रखने वाले पर्यटकों के लिए ये सौगात है जहां उन्हें एक ही जगह पर वृक्षों की 100 प्रजातियों को देखने और जानने का मौका मिलेगा।
वृक्षों की 72 प्रजातियों का हुआ रोपण
रमेश कुमार पांडे ने बताया कि यह ट्री पॉइंट अपने आप में अनोखा है। यहां पर ऐसे दुर्लभ वृक्षों की प्रजातियों का रोपण किया गया है, जिसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है और यह वृक्ष दिल्ली में इक्का-दुक्का जगह पर ही पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि ‘ट्री पॉइंट’ पर 29 पेड़ों की प्रजातियां पहले ही थीं और अब मार्च माह में करीब 43 किस्म के पौध रोपित किए गए हैं। जिनमें पीपल, नीम, बकैन, पुत्रनजीवा, रुद्राक्ष, सीता अशोक, तुन, अंजीर, पसेंदु, तोता परी, जंगल जलेबी, सिल्वर ओक, मीठा नीम, करौंदा, खिरनी, बोतल ब्रश, माखन कटोरी, इमली, बेर, सलई, पालमखीरा, अगस्थिस, कदम आदि शामिल हैं।
ट्री पॉइंट में इन सबका मिल रहा सहयोग
निदेशक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि ट्री पॉइंट को बनाने के लिए चिड़ियाघर के गार्डन सेक्शन ने काफी मेहनत की है। उन्होंने बताया कि इसमें नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के लोधी गार्डन, उत्तर प्रदेश वन्य विभाग नोएडा, दिल्ली वन्य विभाग और दिल्ली पार्क एंड गार्डन सोसायटी का बड़ा सहयोग मिला।
क्यूआर कोड की मदद से मिलेगी जानकारी
उन्होंने बताया कि इस ट्री पॉइंट पर पहले से ही 29 पौधों की प्रजातियां थीं, वहीं अब कई दुर्लभ पौधों का रोपण कर यह संख्या 72 तक पहुंचा दी गई है। आने वाले समय में इनकी संख्या 100 तक पहुंच जाएगी। आने वाले समय में पर्यटक एक ही जगह पर एक साथ वृक्षों की सौ दुर्लभ प्रजातियों को देख पाएंगे और क्यूआर कोड की मदद से उनसे जुड़ी जानकारियां भी प्राप्त कर सकेंगे।
वन्य जीवों और पक्षियों की भी दिखेंगी सौ प्रजातियां
निदेशक रमेश कुमार पांडे का कहना है कि वह चाहते हैं कि जो भी पर्यटक चिड़ियाघर में वन्यजीवों के दीदार का लुत्फ उठाने आएं वो मनोरंजन के साथ-साथ प्रकृति के सबसे अनमोल उपहार यानि हमारे वृक्षों की भी जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि फिलहाल चिड़ियाघर में 80 के करीब वन्यजीवों की प्रजातियां हैं और आने वाले समय में पर्यटकों को वन्यजीवों की भी सौ प्रजातियां यहां देखने को मिलेंगी। पक्षियों की करीब सौ प्रजातियों के दीदार पूरे साल में यहां हो ही जाते हैं।