नई दिल्ली, 21 सितम्बर (हि.स.)। पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर कठुआ में 03 अगस्त को दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय सेना के ध्रुव हेलीकॉप्टर के दूसरे पायलट जयंत जोशी का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। अब उनका जिंदा मिलना मुश्किल है, इसलिए भारतीय नौसेना, सेना, एनडीआरएफ और नागरिक एजेंसियों ने उनका पार्थिव शरीर निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सोमवार को पश्चिमी सेना के कमांडर ने खोज एवं बचाव अभियान की समीक्षा करने के लिए दुर्घटनास्थल का दौरा किया।
पश्चिमी सेना कमान ने आज एक बयान में कहा कि रंजीत सागर बांध में 03 अगस्त 2021 को दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के दूसरे पायलट जयंत जोशी की खोज और बचाव अभियान भारतीय नौसेना, सेना, एनडीआरएफ और नागरिक एजेंसियों के साथ जारी है। इसी बचाव अभियान के दौरान हेलीकॉप्टर के मलबे का कुछ हिस्सा झील से 11 अगस्त को बरामद किया गया था। इसके बाद पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल अभित सिंह बाथ का शव 15 अगस्त की शाम को बरामद किया जा चुका है।
भारतीय नौसेना और सेना ने दूसरे पायलट की तलाश के लिए विशेषज्ञों के साथ अपने सर्वश्रेष्ठ उपकरण और प्रशिक्षित गोताखोरों को तैनात कर रखा है। भारतीय सेना इस मुश्किल घड़ी में दूसरे पायलट कैप्टन जयंत जोशी के परिवार का दुख साझा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पश्चिमी सेना के कमांडर ने खोज एवं बचाव अभियान की समीक्षा करने के लिए आज दुर्घटनास्थल का दौरा किया।
सेना कमांडर ने नौसेना और सेना की टीमों के साथ बातचीत की और उनके असाधारण प्रयासों के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने उनसे केंद्रित दृष्टिकोण के साथ प्रयासों को और तेज करने का आग्रह किया। राइजिंग स्टार कॉर्प्स के जनरल कमांडिंग ऑफिसर (जीओसी) भी खोज प्रयासों के समन्वय के लिए नियमित रूप से दुर्घटनास्थल का दौरा कर रहे हैं।