अयोध्या, 30 जून (हि.स.)। रामनगरी में योगी सरकार पर्यटन के साथ युवाओं को राम संस्कृति और रामलीला से जोड़ने के लिए 10 करोड़ की लागत से रामलीला एकेडमी स्थापित करेगी जिसमें म्यूजियम के साथ विशाल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। यूनेस्को द्वारा वर्ष 2005 में घोषित विश्व की अमूर्त विरासत ‘रामलीला’ के वैश्विक विस्तार के लिए सरकार प्रतिबद्ब दिख रही है।
रामलीला एकेडमी के बारे में अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक वाईपी सिंह ने कहा कि राम की वैश्विकता पूरे विश्व में प्रमाणिकता के साथ है। इसके बावजूद रामलीला के मूल स्वरूप के संरक्षण एवं संवर्धन की जरूरत है। रामलीला एकेडमी की स्थापना इसी उद्देश्य से की जा रही है। प्रदेश सरकार की तरफ से रामलीला एकेडमी के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट भी निर्धारित कर दिया गया है। एकेडमी के लिए जमीन देखी जा रही है। जमीन चिह्नित होते ही उसका अधिग्रहण कर काम शुरू कर दिया जाएगा। इस योजना को 2022 तक मूर्त रूप देने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि रामलीला एकेडमी के नाम पर कुछ लोग जमीन देने को तैयार भी हो गए हैं। सहमति बनते ही परिकल्पना को साकार रूप देने का काम गति पकड़ेगा।
उन्होंने बताया कि रामलीला एकेडमी की स्थापना से राम की वैश्विक यात्रा पर शोध करने करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि एकेडमी में एक म्यूजियम भी स्थापित किया जाएगा जिसमें रामलीला के विभिन्न संदर्भों को विभिन्न शैलियों में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त एक अंतरराष्ट्रीय विशाल पुस्तकालय भी बनाने की योजना है। रामलीला की प्रसिद्धि रामचरित मानस के गायन के माध्यम से ही हुई है। इस परंपरा को नई पीढ़ी में विकसित करने के लिए विशेष योजना भी सरकार बना रही है। युवाओं को राम संस्कृति व रामलीला से जोड़ने के लिए कई अभिनव प्रयोग योगी आदित्यनाथ सरकार कर रही है। इसी के तहत विद्यार्थियों में रामलीला के प्रति रूझान उत्पन्न करने के लिए प्रतियोगिता, पुरस्कार, विदेश भ्रमण के जरिये रामलीला से संबंधित देशों की यात्रा कराकर रामलीला को दिखाया जाना शामिल है।