नई दिल्ली, 05 फरवरी (हि.स.)। भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र’ ट्रस्ट की स्थापना से संबंधित गजट अधिसूचना जारी कर दी है। बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित इस ट्रस्ट की स्थापना से संबंधित गजट अधिसूचना जारी की गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऑफिस दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा क्योंकि इस ट्रस्ट का आधिकारिक कार्यालय आर-20, ग्रेटर कैलाश-एक, नई दिल्ली-110048 होगा। ट्रस्ट का पंजीकरण इसी पते पर किया गया है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी गजट अधिसूचना में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनुपालन में विवादित स्थल के आतंरिक और बाह्य प्रांगण का कब्जा न्यास को सौंपा जाएगा और केंद्रीय सरकार, अर्जित भूमि के शेष भाग के संबंध में प्रबंधन और विकास के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा विरचित स्कीम के निबंधनानुसार उक्त न्यास को सौंप कर उपयुक्त उपबंध करने के लिए स्वतंत्र है। इसके साथ ही अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्रीय सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य सरकार से परामर्श करने के पश्चात उक्त अधिनियम के अधीन अर्जित भूमि से बाहर, अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर केंद्रीय सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ उपयुक्त भूमि के आवंटन को प्रभावी करने का विनिश्चय किया है। भारत सरकार के गजट में कहा गया है कि ट्र्स्ट स्वायत्त रूप से मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित सभी तरह के फैसले लेगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए ट्रस्ट के गठन को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में सदस्यों को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कानून के तहत 67.03 एकड़ जमीन ट्रस्ट को ट्रांसफर की जाएगी, जिसमें भीतरी और बाहरी आंगन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि रामलला विराजमान की जमीन भी ट्रस्ट को मिलेगी। यह ट्रस्ट ही भव्य और दिव्य राम मंदिर निर्माण पर फैसला लेगा। प्रधानमंत्री ने सदन में सदस्यों को बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन आवंटित की जाएगी और इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है।