केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति कार्यान्वयन में समन्वय के लिए कार्य बल के गठन की सिफारिश की

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नई दिल्ली, 13 जनवरी (हि.स.)। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के कार्यान्वयन की समीक्षा के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को शैक्षिक संस्थानों के बीच एनईपी कार्यान्वयन में समन्वय के लिए एक कार्य बल (टास्क फोर्स) के गठन की सिफारिश की है। शिक्षा मंत्री निशंक ने यह भी सुझाव दिया कि एनईपी का शीघ्र कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति और एक समीक्षा समिति भी बनाई जाए।

शिक्षा मंत्रालय की बुधवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ नई शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने छात्रों को स्‍कूली शिक्षा से उच्‍चतर शिक्षा में सुचारू तौर पर शामिल होने में आसानी के लिए मंत्रालय के उच्‍च शिक्षा तथा विद्यालय शिक्षा विभागों के बीच नई शिक्षा नीति के कार्यान्‍वयन में समन्‍वय के लिए एक कार्य बल के गठन की अनुशंसा की। निशंक ने राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति का शीघ्र कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए उच्‍च शिक्षा सचिव की अध्‍यक्षता में एक समीक्षा समिति तथा एक कार्यान्‍वयन समिति गठित करने का भी सुझाव दिया है।

पोखरियाल ने कहा कि पैकेज संस्‍कृति के स्‍थान पर पेटेंट संस्‍कृति पर जोर देने की आवश्‍यकता है। राष्‍ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) और राष्‍ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) इस नीति की सफलता के लिए महत्‍वपूर्ण है, इसलिए 2021-22 में इन्‍हें स्‍थापित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने हितधारकों का आह्वान किया कि वे राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्‍वयन और सरकार की मौजूदा नीतियों के बीच तालमेल सुनिश्चित करें। उन्‍होंने बेहतर परिणामों के लिए उद्योगजगत एवं शिक्षाजगत के बीच सम्‍पर्क मजबूत करने पर भी जोर दिया।

विज्ञप्ति के मुताबिक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लागू करने के लिए कुल 181 कार्यों की पहचान की गई है और स्पष्ट समय-सीमा के साथ नई शिक्षा नीति के चिह्नित 181 कार्यों की प्रगति की निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड तैयार करने का सुझाव दिया गया है। निशंक ने कहा कि इन कार्यों को पूरा करने के लिए एक मासिक और साप्ताहिक कैलेंडर तैयार किया जाना चाहिए ताकि प्रत्येक हितधारक को इसके कार्यान्वयन के बारे में नवीनतम जानकारी मिल सके।

 


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