लखनऊ, 03 अक्टूबर (हि.स.)। कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते पूर्व सांसद रमाकान्त यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में गुरुवार को निष्कासित कर दिया है। प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि उप्र कांग्रेस कमेटी के अनुशासन समिति के सदस्यों अनुग्रह नारायण सिंह, राम जियावन एवं विनोद चौधरी ने रमाकान्त यादव को तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
दल-बदल में माहिर रमाकांत यादव अब एक बार फिर साइकिल की सवारी करने जा रहे हैं। उन्होंने 06 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होने की बात कही है। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें निष्कासित किया है। पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले विगत अप्रैल माह में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। भाजपा ने आजमगढ़ सीट से भोजपुरी फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को उम्मीदवार बनाया था। इससे नाराज होकर रमाकांत कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इससे पहले 2014 में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में मुलायम सिंह यादव को कड़ी टक्कर दी थी। वहीं कांग्रेस में शामिल होने के बाद इस बार वह भदोही से सियासी मैदान में उतरे। हालांकि उन्हें करारी हार नसीब हुई।
प्रदेश में कांग्रेस की बेहद खराब स्थिति और बुरी तरह चुनाव हारने के बाद से ही रमाकांत यादव नया सियासी ठिकाना तलाशने में लग गए थे। जिस तरह से उन्होंने टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ी थी, उससे यहां उनकी वापसी की सम्भावना नगण्य थी। ऐसे में उन्हें अपना पुराना घर समाजवादी पार्टी ही बेहतर विकल्प लगा। एक जमाने वह सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते थे।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हाल ही में कह चुके हैं कि उनकी पार्टी के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं, जो भी आना चाहे, आ सकता है। हम उसका स्वागत करेंगे। हालांकि यह वही रमाकांत यादव हैं, जिन्होंने 2014 में भाजपा नेता के तौर पर कहा था कि अब वे तो क्या उनकी लाश भी सपा में नहीं जाएगी, लेकिन अब उनका कहना है कि लाश होती तो नहीं जाती। मैं जिंदा हूं, इसलिए जा रहा हूं।
उन्होंने बताया कि वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने केन्द्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार पर भी निशाना साधा। रमाकांत यादव ने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई और अपराध में लगातार बढ़ावा हो रहा है। गरीब का जीना मुहाल हो गया है। 2022 में प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में एक बार फिर समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानमंडल दल के विशेष सत्र बहिष्कार करने के सपा के फैसले को भी सही ठहराया और कहा कि सत्ता के मद में जब लोग नहीं रुकते हैं तो विपक्ष बहिष्कार ही करेगा।