सदन में बढ़ रही एक नई प्रवृत्ति, जो चिंता का विषय है: नायडू
नई दिल्ली, 22 सितम्बर (हि.स.)। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने बीते दिनों विपक्ष के कुछ सदस्यों द्वारा सदन में अमर्यादित आचरण पेश करने पर चिंता जताते हुए मंगलवार को कहा कि सदन में एक नई प्रवृत्ति बढ़ रही है जो चिंता का विषय है। उन्होंने सदस्यों से नियम एवं परम्पराओं का पालन करते हुए सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अपील की।
राज्यसभा में निलंबित सदस्यों का निलंबन रद्द न किए जाने का विरोध करते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा सदन से वॉकआउट किए जाने पर नायडू ने कहा कि उन्हें सदन में वापस लौटना चाहिए और कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सदस्य निलंबित हुए हैं।
नायडू ने कहा कि जो सदस्य निलम्बित हुए हैं, वे हमारे सदस्य हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि जो काम उन्होंने किया है वह स्वीकार्य नहीं है। सभापति ने कहा कि सभी सदस्य नियम और परंपराओं का पालन करें। वह सदन चलाना चाहते हैं और सभी को सदन की कार्यवाही में शामिल होना चाहिए। उन्हें चर्चा करना चाहिए और सदन की कार्यवाही में किसी प्रकार से बाधा उत्पन्न नहीं करनी चाहिए। नायडू ने कहा कि विपक्ष को सरकार के सामने सवाल खड़े करने चाहिए और सरकार को उसका जवाब देना चाहिए, किंतु हाल के दिनों में सदन में एक नई प्रवृत्ति बढ़ रही जो चिंता का विषय है।
विपक्ष द्वारा उपसभापति हरिवंश पर सवाल खड़े करने पर चिंता जताते हुए नायडू ने कहा कि सभापीठ पर आरोप लगाने वाले हर व्यक्ति को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपसभापति हरिवंश ने आज ही उन्हें एक पत्र लिखा है और कई सुझाव दिए हैं। कृषि सुधार से संबंधित विधेयकों को पारित कराने की प्रक्रिया के दौरान सदस्यों ने उपसभापति के साथ जो व्यवहार किया उसको लेकर वे विचार करें।
नायडू ने कहा कि उपसभापति ने अमर्यादित आचरण करने वाले सदस्यों के साथ गांधीवादी तरीका अपनाया और संसद भवन परिसर में धरना देने वाले सदस्यों के लिए वह आज सुबह अपने घर से चाय बनाकर लाए और उन्हें पिलाई। हरिवंश का गांधीवादी तरीका अपनाना लोकतंत्र के लिए शुभ है।