राजनाथ सिंह ने दुशांबे में आतंकवाद और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने पर दिया जोर

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 रक्षा मंत्री ने दुशांबे में रूसी और बेलारूसी समकक्ष से द्विपक्षीय वार्ता की

 रूस ने ट्विट करके भारत से दोस्ती को गर्मजोशी के साथ भरोसेमंद बताया



नई दिल्ली, 28 जुलाई (हि.स.)। ताजिकिस्तान की तीन दिवसीय यात्रा पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को अपने बेलारूसी समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन और रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु से द्विपक्षीय वार्ता की। दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक से अलग दोनों रक्षा मंत्रियों के साथ वार्ता में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ बैठक में भारत का पक्ष रखते हुए आतंकवाद और क्षेत्र की अन्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के ठोस प्रयासों पर जोर दिया।

रूसी दूतावास की ओर से ट्विट करके भारत से दोस्ती को गर्मजोशी के साथ भरोसेमंद बताते हुए कहा गया कि भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ दुशांबे में एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक के इतर रूसी रक्षा मंत्री शोइगु के साथ बातचीत हुई है। बैठक में दोनों मंत्रियों ने भारत के साथ रक्षा साझेदारी मजबूत और स्थायी बने होने की पुष्टि की है। इधर, रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेलारूस के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन से दुशान्बे में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर मुलाकात करके द्विपक्षीय चर्चा की। बैठक के बाद रक्षा मंत्री ताजिकिस्तान के अपने समकक्ष कर्नल जनरल शेर अली मिर्जा से भी मुलाकात करके द्विपक्षीय के साथ-साथ परस्पर हित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे भी दुशांबे में हैं लेकिन सूत्रों ने सम्मेलन के इतर राजनाथ सिंह और वेई के बीच बैठक की संभावना से इनकार नहीं किया है।

राजनाथ सिंह रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु के साथ दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए हॉल में पहुंचे। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत का पक्ष रखते हुए आतंकवाद और क्षेत्र की अन्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के ठोस प्रयासों पर जोर दिया। भारत ने बैठक में आठ देशों के समूह एससीओ और इसके क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी ढांचे (आरएटीएस) के साथ अपने सुरक्षा-संबंधी सहयोग को गहरा करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है, जो विशेष रूप से सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मुद्दों से संबंधित है। एससीओ समूह के सदस्य देशों से संबंधित रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा के बाद एक संदेश जारी किए जाने की उम्मीद है।

ताजिकिस्तान इस साल एससीओ की अध्यक्षता करने के साथ ही आधिकारिक स्तर एवं मंत्रिस्तरीय बैठकों की मेजबानी कर रहा है। नाटो के बराबर समझा जाने वाला एससीओ आठ सदस्यीय आर्थिक एवं सुरक्षा गुट है और सबसे बड़े अंतरक्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने एक शिखर सम्मेलन में की थी। भारत को 2005 में एससीओ में एक पर्यवेक्षक बनाया गया था, इसलिए सामान्य तौर पर समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लिया जो मुख्य रूप से यूरेशियाई क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित है। भारत और पाकिस्तान 2017 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के स्थायी सदस्य बने थे।

इससे पहले आज सुबह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुशांबे में इस्माइल समानी (इस्माइल सोमोनी) स्मारक पर माल्यार्पण किया। 892 एडी-900 एडी के दौरान इस क्षेत्र पर शासन करने वाले इस्माइल समानी को ताजिकिस्तान का राष्ट्रीय नायक माना जाता है। 1999 में समानिद राज्य की 1000वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में यह स्मारक बनाया गया था। रक्षा मंत्री एससीओ के सदस्य राष्ट्रों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार से तीन दिवसीय यात्रा पर ताजिकिस्तान की राजधानी में हैं।


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