आतंकवाद की नीति छोड़े पाकिस्तान वर्ना उसे खंड-खंड होने से कोई ताकत नहीं रोक सकती : राजनाथ सिंह

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पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पड़ोसी को अपनी आतंकवाद की नीति छोड़ देनी चाहिए। अगर उसने अपनी नीतियां नहीं  बदलीं तो उसे खंड-खंड होने से दुनिया की कोई ताक़त रोक नहीं सकेगी।



नई दिल्ली, 15 सितम्बर (हि.स.)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा है कि जिस देश में सारा अल्पसंख्यक समुदाय अपनी सलामती को लेकर चिंतित रहता है, उसके मुंह से मानवाधिकार की बातें अच्छी नहीं लगती। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पड़ोसी को अपनी आतंकवाद की नीति छोड़ देनी चाहिए। अगर उसने अपनी नीतियां नहीं  बदलीं तो उसे खंड-खंड होने से दुनिया की कोई ताक़त रोक नहीं सकेगी।

राजनाथ सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान में लम्बे समय से मानवाधिकार के उल्लंघन का सिलसिला चल रहा है। जो लोग बंटवारे के बाद पाकिस्तान गये, उन्हें आज भी वहां पर मुहाजिर कहकर अपमानित किया जाता है। जबकि भारत में सभी लोग सुरक्षित और सम्मानित महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में सभी मजहब के लोग शांति से एक दूसरे के साथ मिल जुलकर रह रहे हैं, यह बात पाकिस्तान को रास नहीं आती। अल्पसंख्यक समुदाय भी यहां सुरक्षित महसूस करता है। अल्पसंख्यक समुदाय यहां हमेशा सुरक्षित था, सुरक्षित है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस पाकिस्तान में सारा अल्पसंख्यक समुदाय अपनी सलामती को लेकर चिंतित रहता है, उसके मुंह से मानवाधिकार की  की बातें अच्छी नहीं लगती।

रक्षामंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के भारत  के फ़ैसले को पाकिस्तान पचा नहीं पा रहा है और उसने संयुक्त राष्ट्र को भी गुमराह करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सिंधी समुदाय, सिक्ख समुदाय, बलूची समुदाय  और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के साथ क्या हो रहा है, यह बात आज दुनिया से छिपी नहीं है। जो पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में मानवाधिकार के उल्लंघन की बात उठा रहा है, वह स्वयं अपने देश के अंदर झांक कर देखे।

 


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