नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 24 जून को द्वितीय विश्व युद्ध की 75वीं विजय दिवस परेड में शामिल होने के लिए मास्को जाएंगे। इसीलिए वह वहां शीर्ष रूसी नेताओं और अन्य देशों के नेताओं से मिलेंगे लेकिन चीन के नेताओं से नहीं। रक्षा मंत्री के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार और तीनों सशस्त्र बल के एक-एक शीर्ष अधिकारी होंगे। राजनाथ सिंह को पहले 22 जून को ही इस यात्रा पर जाना था लेकिन वह अब एक दिन पहले रवाना होंगे। विजय दिवस परेड में भाग लेने के लिए भारत अपने तीनों सशस्त्र बलों के 75 सैनिकों का एक दल भी भेजेगा।
यह विजय दिवस परेड द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी की जीत की 75वीं वर्षगांठ पर 24 जून को मास्को में आयोजित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को विजय दिवस 9 मई, 2020 पर बधाई संदेश भेजा था। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगू को बधाई संदेश भेजा था। रूस के रक्षा मंत्री ने मास्को में 24 जून, 2020 को होने वाली विजय दिवस परेड में भाग लेने के लिए भारतीय दल को भी आमंत्रित किया जिस पर रक्षा मंत्री ने परेड में भाग लेने के लिए 75 सदस्यीय दल को भेजने पर सहमति व्यक्त की है।
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सशस्त्र बल सबसे बड़े मित्र देशों की टुकड़ियों में से एक था जिन्होंने उत्तरी और पूर्वी अफ्रीकी अभियान, पश्चिमी रेगिस्तान अभियान और यूरोपीय थिएटर में एक्सिस शक्तियों के खिलाफ भाग लिया था। इस युद्ध में 87 हज़ार से अधिक भारतीय सैनिकों ने शहादत दी थी जबकि 34,354 घायल हुए थे। ब्रिटिश भारतीय सेना ने न केवल सभी मोर्चों पर लड़ाई लड़ी, बल्कि दक्षिणी, ट्रांस-ईरानी लेंड-लीज मार्ग के साथ लॉजिस्टिक समर्थन भी सुनिश्चित किया। भारतीय सैनिकों की वीरता को चार हज़ार से अधिक अलंकरणों से सम्मानित किया गया, जिसमें 18 विक्टोरिया और जॉर्ज क्रॉस के पुरस्कार भी शामिल थे।