जयपुर, 22 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान में तीन साल बाद गहलोत मंत्रिपरिषद के बड़े विस्तार में रविवार को 11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में आयोजित समारोह में मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सबसे पहले हेमाराम चौधरी को शपथ दिलाई गई।
कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वालों में बाड़मेर के गुड़ामालानी के विधायक हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय (बागीदौरा, बांसवाड़ा), रामलाल जाट (मांडल, भीलवाड़ा), महेश जोशी (हवामहल, जयपुर), विश्वेंद्र सिंह (डीग-कुम्हेर, भरतपुर), रमेश मीणा (सपोटरा, करौली), ममता भूपेश (सिकराय, दौसा), भजनलाल जाटव (वैर, भरतपुर), टीमाराम जूली (अलवर ग्रामीण), गोविंद राम मेघवाल (खाजूवाला, बीकानेर), शकुंतला रावत (बानसूर, अलवर) शामिल हैं। ममता भूपेश, भजनलाल जाटव और टीकाराम जूली को राज्यमंत्री से प्रमोशन करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
राज्यमंत्री के तौर बृजेंद्र सिंह ओला (झुंझुनू), मुरारीलाल मीणा(दौसा), राजेंद्र सिंह गुढ़ा (उदयुपवाटी, झुंझुनू) और जाहिदा (कामां, भरतपुर) ने शपथ ली। जाहिदा ने अंग्रेजी में शपथ ली। मंत्रिपरिषद के इस पुनर्गठन के बाद अब सरकार में सभी 30 मंत्रियों की जगह भर दी गई है। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा की ओर से सिर्फ प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ही शामिल हुए, जबकि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया उदयपुर में होने के चलते शामिल नहीं हो सके। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया खराब स्वास्थ्य के चलते शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।
राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा, मुख्य सचिव निरंजन आर्य सहित, गहलोत मंत्रिपरिषद के कई सदस्य, कांग्रेस विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि और अन्य लोग मौजूद रहे। गहलोत सरकार ने अपने 3 साल के कार्यकाल से ठीक पहले मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन करके अलग-अलग गुटों में बंटी कांग्रेस को एकजुट करने का प्रयास किया है।
इस विस्तार में कांग्रेस ने अपने दलित वोट बैंक को साधने का पूरा प्रयास किया है। जहां मास्टर भंवरलाल के निधन के बाद एक भी एससी का कैबिनेट मंत्री नहीं था, तो अब 4 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। इनमें ममता भूपेश, भजन लाल जाटव, टीकाराम जूली और गोविंद राम मेघवाल शामिल हैं। एसटी से भी 3 मंत्री शामिल किए गए हैं, जिनमें रमेश मीणा, मुरारी लाल मीणा और महेंद्रजीत सिंह मालवीय हैं। गहलोत मंत्रिपरिषद के 30 में से चार मंत्री एससी कैटेगरी से हैं, जो चारों कैबिनेट मंत्री हैं। इसी तरीके से पांच मंत्री एसटी कैटेगरी के हैं, जिनमें से 3 कैबिनेट और 2 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जब से लिस्ट आई है उसके बाद से कई विधायकों के फोन मेरे पास आ रहे हैं और वह मुझसे मिलना चाहते हैं। गहलोत ने कहा कि हम जानते हैं कि उनकी भावना क्या है, लेकिन जो विधायक मंत्री नहीं बन पाए हैं उनकी भी भूमिका कम नहीं है। चाहे निर्दलीय हो, चाहे बीएसपी से आए विधायक जिस तरह से 34 दिन साथ रहकर उन्होंने सरकार बचाई, उन्हें हम जिंदगी में नहीं भूल सकते, लेकिन धैर्य रखना पड़ता है और जो धैर्य रखता है उसे कभी न कभी चांस जरूर मिलता है।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने जो फैसला किया है, अब हमें उसे स्वीकार करना चाहिए और नए बनने वाले मंत्रियों को सुशासन देने की जिम्मेदारी उठानी होगी। इसके साथ ही गहलोत ने अन्य विधायकों को आश्वस्त किया कि उन्हें भी कहीं न कहीं एडजस्ट किया जाएगा।