राजस्थान में बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

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नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल राजस्थान के बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के स्पीकर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि फिलहाल हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है, इसलिए हम इस मामले में दखल नहीं देंगे। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सदन का एजेंडा अभी तय नहीं हुआ है, स्पीकर से पता किया है। राजस्थान विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी एजेंडा तय करने के लिए कल सुबह दस बजे बैठक करने वाली है। इस बैठक में सभी विपक्षी दलों का प्रतिनिधित्व होगा।
सुनवाई के दौरान बीएसपी की ओर से वकील सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि स्पीकर का फैसला अवैधानिक है। अगर विलय को अनुमति दी गई तो जनतांत्रिक प्रक्रियाएं खत्म हो जाएंगी। जस्टिस गवई ने कहा कि आपको व्हिप जारी करने से किसने रोका है। हाई कोर्ट के समक्ष मामला लंबित है। सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि मामला हाई कोर्ट के पास है लेकिन वे काफी लंबी दलीलें दे रहे हैं। कल ही सिब्बल ने दो घंटे दलीलें दी। आज धवन भी ऐसे ही तर्क रखेंगे। समय बर्बाद हो रहा है।
बीजेपी विधायक मदन दिलावर की ओर से हरीश साल्वे की जगह वकील सत्यपाल जैन ने दलीलें पेश करते हुए स्पीकर सीपी जोशी के सितम्बर 2019 के आदेश को पढ़ते हुए कहा कि ये बड़ा ही मजेदार आदेश है। स्पीकर ने तथ्यों पर ध्यान दिए बिना ही आदेश पारित कर दिया। सिब्बल ने इस पर टोकते हुए कहा कि जैन गलत बोल रहे हैं। कोर्ट ने सिब्बल से पूछा कि क्या कल विधानसभा में कोई काम होगा। सिब्बल ने कहा कि स्पीकर का बुलेटिन सितम्बर 2019 में जारी किया गया और वे मार्च 2020 में याचिका दायर कर रहे हैं। ये मामला हाई कोर्ट में अभी लंबित है। अभी तक विधानसभा चलाने के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है।
हरीश साल्वे ने कहा कि हाई कोर्ट ने मामला कल तक के लिए स्थगित कर दिया है। कोई अंतरिम आदेश पास नहीं हुआ है। हमें भी यही बताया गया है कि कल विधानसभा शुरू होगी। कोर्ट ने पूछा कि जब हाई कोर्ट में मामला लंबित है तब हम इस मसले को मेरिट पर क्यों सुनें। साल्वे ने अंतरिम आदेश जारी करने की मांग की। कोर्ट ने साल्वे से पूछा कि क्या आपको लगता है कि कल विधानसभा में कुछ होगा। हम अभी मेरिट पर कोई सुनवाई नहीं करेंगे। इस समय हम कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।
कांग्रेस में 11 अगस्त को शामिल हो चुके राजस्थान के 6 बीएसपी विधायकों ने आज सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली थी। सुनवाई के दौरान दिलावर सिंह की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगाने की जरूरत है, क्योंकि उससे विधायकों के विलय को मंजूरी मिल जाएगी।
बहुजन समाज पार्टी की ओर से कहा गया था कि इन छह विधायकों को विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाए। कोर्ट ने कहा था कि हमें हाई कोर्ट की सुनवाई पर रोक नहीं लगाना चाहिए। बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने पिछले 10 अगस्त को कोर्ट को बताया था कि विधानसभा सत्र के पहले हाई कोर्ट की सुनवाई अटकाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने यह मांग भी की है कि कांग्रेस में शामिल हुए राजस्थान के 6 बीएसपी विधायकों को आनेवाले विधानसभा सत्र में मतदान का अधिकार न मिले।

 


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