उज्जैनः नगर भ्रमण पर निकले राजाधिराज अवंतिकानाथ

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उज्जैन, 16 अगस्त (हि.स.)। महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण माह के चौथे एवं अंतिम सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी सम्पूर्ण परंपरा व वैभव के साथ सायं 04 बजे सभामंडप में कोटतीर्थ कुण्ड के पवित्र जल से अभिषेक एवं पूजन के उपरान्त नगर भ्रमण पर निकली। राजाधिराज अवंतिकानाथ ने अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर का भ्रमण किया। इस दौरान पालकी में विराजित होकर चन्द्रमौलेश्वर और हाथी पर विराजित होकर मनमहेश ने ने भक्तों को दर्शन दिये।

सवारी निकलने से पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में मंदिर के मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा भगवान चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। उसके पश्चात महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार ने भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया। इस दौरान महंत विनीत गिरी, मंदिर समिति की सहायक प्रशासक पूर्णिमा सिंगी, मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी आदि उपस्थित थे।

पूजन के दौरान सभामंडप भगवान महाकाल के जयकारों व झांझ मंजिरों की ध्वनि से गुंजित हो उठा। बाबा के जयकारों के साथ सभी गणमान्यों ने पालकी में विराजित भगवान चन्द्रमौलेश्वर को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया। जैसे ही पालकी मुख्य द्वार पर पहुची, होमगार्ड, पुलिस एवं एसएएफ के जवानों ने भगवान को सलामी दी। सवारी में चन्द्रमौलेश्वर चांदी की पालकी में और मनमहेश हाथी पर सवार होकर अपनी प्रजा का हॉल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले।

भगवान चन्द्रमौलेश्वर की पालकी महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार से बडा गणेश मंदिर के सामने उज्जैन स्थित सप्त सागरों में से एक रूद्रसागर (रूद्रसागर वही पवित्र सागर हैं, जिसमें भगवान महाकालेश्वर ने कपाल (मुंडमाला) प्रक्षालन किया था), हरसिद्धि मंदिर के समीप से नृसिंह घाट रोड पर सिद्धआश्रम के सामने से निकल कर क्षिप्रातट रामघाट पहुंची। रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा चन्द्रमौलेश्वर का अभिषेक-पूजन किया गया।

मां क्षिप्रा को विष्णुदेहा, ज्वारघ्नी, पापनाशिनी भी कहा जाता है, यह भगवान विष्णु की उंगली से उत्पन्न होने वाली हैं। क्षिप्रा तट पर पूजन के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, केशरसिंह पटेल, महेन्द्रसिंह रघुवंशी, गब्बरसिंह भाटी, सत्यनारायण चौहान, विनोद लाला, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एडीएम नरेन्द्र सूर्यवंशी, अन्य अधिकारी आदि उपस्थित थे l रामघाट पर भगवान की पालकी का पूजन पं.आशीष पुजारी द्वारा सम्पन्न कराया गया।

अभिषेक पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि पाल से हरसिद्धि मंदिर के सामने पहुंची। हरसिद्धि मन्दिर के पुजारियों द्वारा भगवान महाकाल की आरती की गई। आरती के पश्चात सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में वापस आयी। जहां सभामण्डप में पुन: पूजन के बाद सवारी का विश्राम हुआ। महाकालेश्वर भगवान की भाद्रपद माह की पहली सवारी 23 अगस्त को निकलेगी।

श्रावण के अंतिम सोमवार को राजसी ठाट-बाट से सुसज्जित सवारी राज मार्ग विभिन्न रंगबिरंगी पताकाओं, छत्रियों एवं कालिनों से सुशोभित किया गया था। सवारी निकासी के समय के उद्घोषक, तोपची भगवान महाकाल का ध्वज, अश्वारोही दल, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस बैण्ड, नगर सेना, महाकाल के पुजारी-पुरोहित, ढोलवादक, झांझवादक, चोपदार, चांदी की झाडुवाहक, अन्य आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले अधिकारी-कर्मचारी सीमित संख्या में उपस्थित थे।

प्रशासक नरेन्द्र सूयवंशी ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति की ओर से मंदिर की आई.टी. शाखा व उज्जैन एन.आई.सी की सहायता से मंदिर प्रबंध समिति की वेबसाईट www.mahakaleshwar.nic.in के माध्यम से स्मार्ट सिटी द्वारा उज्जैन की सडकों के किनारे लगाई गई एल.ई.डी. ,फेसबुक पेज, यू-ट्यूब व सभी स्थानीय चैनलों पर सवारी के साथ-साथ बाबा महाकालेश्वंर के दर्शनों का भी प्रतिदिन लाईव प्रसारण किया रहा है। जिससे उज्जैन सहित देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन व सवारी के सीधे प्रसारण का लाभ घर पर ही प्राप्त कर रहे हैं।


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