शिमला, 18 अगस्त (हि.स.)। राजधानी शिमला में बीते 24 घंटे से हो रही भारी बारिश में विभिन्न वर्षाजनित हादसों में दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं। शहर में जगह-जगह पेड़ों के धराशाई होने से घर और मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। भूस्खलन से नेशनल हाइवे-5 सहित शहर की अधिकतर अंदरूनी सड़कों के बन्द होने से परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है। कई वाहन अब भी फंस गए हैं।
शिमला के उपनगर संजोली और जुब्बल के कैंची में भूस्खलन से दो लोगों की मौत हो गई। शहर के फागली व आरटीओ इलाकों में भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में पांच लोग जख्मी हुए हैं। एनडीआरएफ की टीम ने रविवार प्रातः घायलों को मलबे से निकलकर अस्पताल पहुंचाया। संजोली के सिमिट्री क्षेत्र में घर पर मलबा गिरने से सात मजदूर घायल हुए हैं। बचाव दलों ने इन्हें आइजीएमसी अस्पताल पहुंचाया, जहां एक मजदूर की मौत हो गई। मृतक की शिनाख्त बिहार निवासी शाह आलम के रूप में हुई।
शिमला जिले की जुब्बल तहसील में भूस्खलन ने एक व्यक्ति की जान ले ली। पुलिस के मुताबिक शनिवार रात ठियोग- हाटकोटी सड़क पर कैंची नामक स्थान पर चलता ट्रक भूस्खलन की जद में आ गया। पंजाब नम्बर का यह ट्रक सेब ढोने के लिए रोहड़ू जा रहा था। इस घटना में ट्रक सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई और दूसरा गम्भीर रूप से जख्मी है।
भूस्खलन से शिमला की तमाम सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप है। टूटीकंडी बाईपास पर एनएच-5 अवरुद्ध हो गया है। इसी तरह संजोली-आईजीएमसी मार्ग, चलोंथी-ढली मॉर्फ और चुरट मार्ग और बालजीज रिजेंसी मार्ग भी बन्द है। पेड़ों के बड़ी तादाद मसीह गिरने से विभिन्न इलाकों में रविवार सुबह से बिजली आपूर्ति बाधित है। वन, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, विद्युत और एनएचएआई की टीमें हालात को सामान्य करने में लगी हैं।
मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि शिमला में बीते 24 घंटों में 154 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड हुई है, जो कि इस मानसून सीजन में सर्वाधिक है। उन्होंने अगले 24 घंटों में राजधानी सहित प्रदेश के अनेक इलाकों में भारी वर्षा की चेतावनी को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।