नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि रेलवे ने 15 दिनों में 999 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अलग-अलग स्थानों पर फंसे 11.5 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को उनके घरों तक पहुंचाया है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि कुल ट्रेनों में 75 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और बिहार की ट्रेनें हैं। वहीं पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को अनुमति नहीं देने में ढिलाई बरत रहे हैं।
उन्होंने विपक्षी मुख्यमंत्रियों को कोरोना और देशव्यापी तालाबंदी (लॉकडाउन) के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासियों को ‘श्रमिक स्पेशल’ रेलगाड़ियों द्वारा उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने में हो रही देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया। गोयल ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे द्वारा कामगारों को घर पहुंचाने के लिए अब तक 1,000 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की स्वीकृति मिल चुकी है। कल (14 मई) 145 ट्रेनों द्वारा 2.10 लाख कामगारों को उनके घर पहुंचाया गया है। कुल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से 75 प्रतिशत उत्तर प्रदेश व बिहार के लिए चलाई गई है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, रेलवे रोजाना 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाकर कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिये तैयार है, लेकिन मुझे दुख है कि कुछ राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व झारखंड की सरकारों द्वारा इन ट्रेनों को अनुमति नहीं दी जा रही है, जिससे श्रमिकों को घर से दूर कष्ट सहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन चार राज्यों में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों की संख्या सबसे ज्यादा है और घर जाने के लिए उत्सुक हैं। गोयल ने कहा राज्यों की मंजूरी के बिना, रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन नहीं कर सकता।
रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार सुबह नौ बजे तक 999 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को मंजूरी मिल गई। अब 1000 का आंकड़ा पार करेंगे। उन्होंने बताया कि 14 मई को 145 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 2 लाख 10 हजार लोगों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाया गया है।
उन्होंने कहा कि रेलवे ने 15 दिन पहले श्रमिक दिवस के अवसर पर चार ट्रेनों से इस अभियान की शुरुआत की थी और अब यह आंकड़ा एक दिन में 145 ट्रेनों तक जा पहुंचा है। रेलवे ने 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया और 14 लाख से अधिक फंसे हुए लोगों जिनमें ज्यादातर प्रवासी श्रमिक, छात्र और पर्यटक हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लिए सर्वाधिक 487 ट्रेन और 254 ट्रेनों के साथ बिहार दूसरे स्थान पर है। रेलवे के बयान में कहा गया है कि राजस्थान ने 22 ट्रेनों, छत्तीसगढ़ 2, झारखंड 48 और पश्चिम बंगाल ने सिर्फ 9 ट्रेनों को अनुमति दी है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश 3, असम 4, हिमाचल प्रदेश 4, जम्मू और कश्मीर 7, कर्नाटक 3, केरल एक, मध्य प्रदेश 79, महाराष्ट्रा 6, मणिपुर 3, ओडिशा 50, तमिलनाडु एक, तेलंगाना दो, त्रिपुरा दो और उत्तराखंड ने 4 श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों को अनुमति दी है।