कानपुर, 18 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय रेल पर अब सूर्य देवता धन की वर्षा कर रहे हैं। सूर्य के तेज से अब रेलवे स्टेशन तो रोशन हो ही रहा है साथ ही उनके तेज से रेलवे को करोड़ों रुपयों की बचत या यूं कहें की मुनाफा भी हो रहा है।
यह हम नहीं कह रहे बल्कि उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले सबसे बड़े स्टेशन कानपुर सेन्ट्रल इसका उदाहरण है। यहां पर लगे सोलर पैनल प्लांट से 11 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है और एक वर्ष में करीब 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रेलवे डीजल के रुप में बचत हुई है।
दरअसल, कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिससे रोजाना 11 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है। इस ऊर्जा उत्पादन से आसपास के 338 स्टेशन रोशन हो रहे हैं। सोलर पैनल से उत्पादित बिजली की वजह से रेलवे को लगभग 500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की बचत हो रही है।
डीजल बचत से हुआ करोड़ों का लाभ
स्टेशन में लगे सोलर पैनल प्लांट से 11 मेगावॉट सौर ऊर्जा का प्रतिदिन उत्पादन होता है। यह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा उत्पादन है। इस बिजली का प्रयोग स्टेशनों पर विभिन्न माध्यमों में किया जाता है। जिसकी वजह से रेलवे को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के डीजल की भी बचत हुई है। डीजल खपत से होने वाले प्रदूषण पर भी कमी आई हैं।
जगमगा रही हैं 25 हजार एलईडी
सौर ऊर्जा का उत्तर मध्य रेलवे बहुत व्यापक स्तर पर प्रयोग लाया जा रहा है। सौर ऊर्जा से उत्तर मध्य रेलवे के लगभग 250 सेवा भवन में बिजली जल रही है। यही नहीं इसी बिजली से रेलवे आवास में लगी 25 हजार एलईडी भी जगमगा रही हैं। इससे रेलवे को बिजली में आने वाले खर्च में भारी बचत हो रही है।
सीपीआरओ का कहना
कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर मध्य रेलवे ऊर्जा संरक्षण को लेकर हमेशा से सजग रहता है। वर्तमान समय में उत्तर मध्य रेलवे में व्यापक पैमाने पर सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जा रहा है। जिससे 11 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इस साल 3.38 करोड़ की बिजली का उत्पादन किया है और इतने का ही कोयला से बनने वाली बिजली को बचाया है। यही नहीं इस साल हम लोगों ने लगभग 525 करोड़ रुपये के डीजल को बचत की है।