रेलवे ने 542 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों से 6.48 लाख लोगों को पहुंचाया घर
नई दिल्ली, 12 मई (हि.स.)। कोरोना (कोविड-19) वायरस और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे अब तक 542 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाकर 6.48 लाख लोगों को उनके घरों तक पहुंचा चुका है।
रेल मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि अभी तक देशभर के विभिन्न राज्यों से कुल 542 “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनों का परिचालन किया गया है, जिसमें 448 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच गई हैं, जबकि 94 ट्रेनें रास्ते में हैं। इन 448 ट्रेनों में सबसे अधिक 221 रेलगाड़ियों ने उत्तर प्रदेश और 117 ने बिहार में अपनी यात्रा समाप्त की। इसके अलावा आंध्र प्रदेश (1 ट्रेन), छत्तीसगढ़ (1 ट्रेन), हिमाचल प्रदेश (1 ट्रेन), झारखंड (27 ट्रेन), कर्नाटक (1 ट्रेन), मध्य प्रदेश (38 ट्रेन), महाराष्ट्र (3 ट्रेनें), ओडिशा (29 ट्रेनें), राजस्थान (4 ट्रेनें), तेलंगाना (2 ट्रेनें), पश्चिम बंगाल (2 ट्रेनें) में यात्रा समाप्त की।
इन ट्रेनों ने तिरुचिरापल्ली, टिटलागढ़, बरौनी, खंडवा, जगन्नाथपुर, खुर्दा रोड, प्रयागराज, छपरा, बलिया, गया, पूर्णिया, वाराणसी, दरभंगा, गोरखपुर, लखनऊ, जौनपुर, हटिया, बस्ती, कटिहार, दानापुर, मुजफ्फरपुर और सहरसा आदि जैसे शहरों में प्रवासियों की वापसी हुई है।
रेल मंत्रालय द्वारा चलाए जा रही श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों में यात्रा के लिए यात्रियों को किराए का भुगतान नहीं करना होता बल्कि इसका 85 प्रतिशत रेलवे और शेष 15 प्रतिशत का किराया राज्य सरकारों या अन्य एजेंसियों द्वारा वहन किया जाता है। यात्रा के दौरान रेलवे यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी भी मुहैया करा रहा है।
भारतीय रेलवे ने एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक मई को प्रवासी श्रमिकों के लिए अपनी पहली विशेष ट्रेन का संचालन किया था।
उल्लेखनीय है कि 29 अप्रैल को सरकार ने एक आदेश जारी किया था जिसमें फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों और छात्रों के अंतर-राज्य आवागमन की अनुमति दी गई थी। हालांकि इस आदेश में केवल बसों द्वारा आवाजाही की अनुमति दी गई थी। बाद में एक मई से इसके लिए ट्रेनों की अनुमति दी गई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के निर्देशों के अनुसार, उपरोक्त श्रेणी के फंसे हुए व्यक्ति को थर्मामीटर की जांच के बाद अंतर-राज्य की यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी।