राहुल ने निकाली ट्रैक्टर रैली किसानों के समर्थन में

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केंद्र पर बोला हमला



पुडुचेरी/नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर केरल पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने वायनाड में किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकाली और कृषि कानूनों को खेती विरोधी बताते हुए केंद्र पर हमला भी बोला। रैली में राहुल ने खुद भी ट्रैक्टर चलाया, जिस पर कई नेता बैठे दिखे।

ट्रैक्टर रैली के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पूरी दुनिया भारतीय किसानों के सामने आने वाली कठिनाई को देख रही है लेकिन दिल्ली में सत्ता में बैठी सरकार किसानों के दर्द को समझ नहीं पा रही। उन्होंने कहा कि केंद्र के ये तीन कानून भारत में कृषि व्यवस्था को नष्ट करने और मोदी जी के 2-3 दोस्तों को पूरा व्यवसाय देने के लिए तैयार किया गया है। ऐसे में वे इन कानूनों को वापस नहीं लेने वाले जब तक कि उन्हें मजबूर नहीं किया जाएगा। इसीलिए कांग्रेस पार्टी इन कानूनों पर लगातार लोगों को जागरूक करने में लगी है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत में सबसे बड़ा व्यवसाय कृषि है। कृषि की एक खासियत यह भी है कि इस पर एक व्यक्ति का नहीं बल्कि देश के 40 प्रतिशत लोगों का स्वामित्व है। केंद्र की मोदी सरकार इसी स्वामित्व को जन से छीनकर कुछ लोगों के हाथों में देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ये दो-चार लोग कौन हैं, जिनके लिए सरकार किसानों को ठगने में लगी है। क्या वे किसान, मजदूर या छोटे व्यापारी हैं जो मंडियों में काम करते हैं। या फिर खेली पर मालिकाना हक छोटे दुकानदारों, फल व सब्जी के ठेले वालों और लाखों-करोड़ों भारतीय का होना चाहिए, जिनका आजीविका ही खेती पर निर्भर है।

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘हम इन कानूनों का विरोध करते हैं और हम सुनिश्चित करेंगे कि सरकार इन कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर हो। हम किसानों के साथ खड़े हैं, हम उनकी मदद करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि भाजपा सरकार इन कानूनों को वापस ले।’

बफर जोन पर राहुल ने उठाया सवाल

कोरोना संक्रमण को लेकर वायनाड में कुछ इलाकों को बफर जोन घोषित किए जाने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बफर जोन का फैसला वायनाड के लोगों के लिए जबरदस्त कठिनाई पैदा करने वाला है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। राहुल ने बफर जोन लगाने को लेकर पूछे सवाल के जवाब में सरकार द्वारा यह कहे जाने की बफर जोन के लिए केरल सरकार ने सिफारिश की थी, पर काफी आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा कि बफर जोन के कारण होने वाले नुकसान को हर कोई समझता है और मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि केरल सरकार इस पर अपना रुख बदले। मैं मुख्यमंत्री से विनम्र अनुरोध करता हूं कि आवश्यक कार्यवाही करें और इस समस्या को सुलझाएं।

 


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