अब राहुल की पहली प्राथमिकता में वायनाड पहले और बाद में अमेठी

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राहुल ने गौरीगंज स्थित निर्मला इंस्टीट्यूट ऑफ विमेन एजुकेशन एंड टेक्नोलॉली परिसर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके हार की समीक्षा की।



अमेठी, 10 जुलाई (हि.स.)। लोकसभा चुनाव में हार के बाद बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार अमेठी पहुंचे। वह अमेठी में दोबारा पैर जमाने की कोशिश में लगे हैं। संगठन को मजबूत करने की बात भी कहते हैं, लेकिन केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की क्षेत्र में स​क्रियता उन पर भारी पड़ रही है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद होने के कारण वहां की जनता के प्रति भी जिम्मेदारी है। इसलिए वह अपना ज्यादा समय वहां देंगे, लेकिन अमेठी के कार्यकर्ताओं को जब भी जरूरत महसूस होगी, वह यहां उनके साथ खड़े नजर आयेंगे।
राहुल ने गौरीगंज स्थित निर्मला इंस्टीट्यूट ऑफ विमेन एजुकेशन एंड टेक्नोलॉली परिसर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके हार की समीक्षा की। बैठक में शामिल कार्यकर्ताओं के मुताबिक राहुल गांधी ने कार्यकताओं का उत्साह बढ़ाया और हार से उन्हें निराश नहीं होने की नसीहत दी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से क्षेत्र में जाकर कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का आह्वान किया। राहुल ने अमेठी से अपने पारिवारिक रिश्तों का हवाला देते हुए कहा कि वह अमेठी नहीं छोड़ेंगे और यहां का दौरा करते रहेंगे। राहुल ने अपनी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के भी क्षेत्र में आने की बात कही। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद होने के कारण वहां की जनता के प्रति भी जिम्मेदारी है। इसलिए वह अपना ज्यादा समय वहां देंगे, लेकिन अमेठी के कार्यकर्ताओं को जब भी जरूरत महसूस होगी, वह यहां उनके साथ खड़े नजर आयेंगे।
इस बैठक को लेकर पार्टी नेताओं ने मीडिया से दूरी बनाये रखी। बैठक में शामिल होने वाले लोगों को जिला कांग्रेस कमेटी ने पास जारी किया था और केवल पास धारकों को ही कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी गई। इसलिए प्रवेश नहीं दिये जाने पर कुछ आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्र को जिम्मेदार ठहराते हुए नारेबाजी की। बैठक के बाद राहुल मीडिया से बात किये बिना ही रवाना हो गये।
इसके पहले नई दिल्ली से लखनऊ पहुंचने पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर राहुल गांधी का स्वागत किया। यहां से वह अमेठी रवाना हो गये। राहुल गांधी अमेठी से 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सांसद रह चुके हैं। इस बार स्मृति ईरानी ने उन्हें शिकस्त दी। स्मृति लगातार राहुल पर क्षेत्र से दूरी बनाये रखने और जनता की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाती रही हैं। अब चुनाव हारने के डेढ़ महीने बाद राहुल गांधी ने अमेठी का दौरा किया है।
स्मृति की सक्रियता अभी भी राहुल पर भारी
हालांकि इससे पहले स्मृति स्वयं क्षेत्र की जनता के बीच पहुंच चुकी हैं। बीते दिनों उन्होंने जगदीशपुर के कठौरा में सोलह करोड़ 58.76 लाख रुपये लागत की विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। स्मृति कह चुकी हैं कि अमेठी ने 23 मई को अपना सांसद नहीं दीदी को चुना है। सांसद का कर्तव्य होता है कि वह विधायक और प्रदेश सरकार के साथ मिलकर क्षेत्र में विकास योजनाओं को क्रियान्वयन करे और मैं यह काम पिछले पांच सालों से दीदी के रूप में कर रही हूं। स्मृति के सांसद बनने के डेढ़ महीने के अन्दर ही क्षेत्र में 50 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण हो चुका है। इससे पहले तिलोई में 34 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण हुआ था।
राहुल की हार के बाद भी नहीं चेते कांग्रेस नेता, प्रदेश में पार्टी दिशाहीन
ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद भी राहुल गांधी की मुश्किलें कम दिखाई नहीं पड़ रही हैं। वह अमेठी में दोबारा पैर जमाने की कोशिश में लगे हैं। संगठन को मजबूत करने की बात भी कहते हैं, लेकिन केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की क्षेत्र में स​क्रियता उन पर भारी पड़ रही है। वहीं राहुल की हार के बाद भी कांग्रेस संगठन में गुटबाजी कम नहीं हुई है और कार्यकर्ताओं में उत्साह भी नहीं है। हाल ही में संजय गांधी अस्पताल के मामले को लेकर भी राहुल गांधी लोगों के निशाने पर रहे। प्रदेश के नेता भी अपने इस्तीफे की पेशकश के बाद कार्यकर्ताओं के बीच से नदारद हैं, इस वजह से संगठन में निराशा बनी हुई है।
न्याय दो पोस्टर के जरिए राहुल को घेरा
राहुल गांधी के अमेठी पहुंचने से पहले यहां कई जगह लगाये गये पोस्टर के जरिए एक बार फिर उन्हें घेरने की कोशिश की गई। इसमें संजय गांधी अस्पताल को लेकर उनसे जवाब भी मांगा गया। पोस्टर में लिखा गया कि ‘न्याय दो, न्याय दो, मेरे परिवार को न्याय दो, दोषियों को सजा दो’ इस अस्पताल में जिंदगी बचाई नहीं, गंवाई जाती है” इसके नीचे पीड़ित परिवार लिखा गया है। पोस्टर में अस्पताल और राहुल गांधी की तस्वीर भी है।राहुल गांधी के संजय गांधी अस्पताल के मुख्य ट्रस्टी होने के कारण उनसे यह जवाब मांगा गया है। आज सुबह जब लोग सैर पर निकले तो उन्हे जगह-जगह ये पोस्टर दिखायी दिये। इसके बाद से ही शहर में तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं। माना जा रहा था कि राहुल इस विषय में कुछ बोलेंगे, लेकिन वह खामोश ही रहे।
कांग्रेस बताया भाजपा की राजनीति का हिस्सा
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से इसे भाजपा की राजनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे पोस्टर के पीछे भाजपा के अलावा और कोई नहीं हो सकता। पार्टी निचले स्तर पर जाकर ही अपनी पहचान बनाना चाहती है। अमेठी से राहुल गांधी का​ रिश्ता अभी का नहीं है। गांधी परिवार पीढ़ियों से क्षेत्र की सेवा करता आया है। पोस्टर लगाना घटिया राजनीति है।
भाजपा बोली पीड़ित परिवार के जख्मों पर कांग्रेस ने छिड़का नमक
उधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि अगर कोई वाजिब बात रखता है तो इसका जवाब दिया जाना चाहिए। किसी की पीड़ा निचले स्तर की राजनीति कैसे हो सकती है। राहुल गांधी अमेठी के जनप्रतिनिधि रहे हैं, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। आखिर पीड़ित परिवार के सदस्य को इलाज क्यों नहीं मिला, मौत क्यों हो गई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है, उन पर क्या कार्रवाई की गई।उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि राहुल गांधी इस मामले में क्षमा मांगते और पीड़ित परिवार के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करते, लेकिन कांग्रेस अपनी संकीर्ण मानसिकता से बाहर नहीं निकल पायी है। पोस्टर के पीछे भाजपा की साजिश बताकर वह इसी का परिचय दे रही है। कांग्रेस ने इस तरह के आरोप लगाकर पीड़ित परिवार के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, जिसमें किसी तरह का भेद किये बिना गरीब तबके को नि:शुल्क इलाज मुहैया कराया जा रहा है। कांग्रेस को इसमें भी राजनीति नजर आती है। भाजपा मुद्दों की राजनीति करती है।
गौरतलब है कि विगत 25 अप्रैल को आयुष्मान भारत योजना के कार्ड धारक मुसाफिरखाना के नन्हेलाल मिश्र को इलाज के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अगले दिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मृतक के बेटे रोहित ने पिता की मौत पर अस्पताल प्रशासन व चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया था। बाद में जिला प्रशासन की जांच में आरोप सही पाये गये और अस्पतात के तीन चिकित्सकों को दोषी माना गया। हालांकि अस्पताल ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
अपने दौरे में राहुल गौरीगंज कस्बा स्थित गंगा प्रसाद अग्रहरि के घर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात करके सांत्वना दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता गंगा प्रसाद का कुछ दिनों पूर्व निधन हो गया था।

 


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